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साइंस कहता है एक गिलास दूध में अगर एक बूंद भी केरोसिन मिली हो तो पूरा का पूरा दूध ही बेकार हो जाता है !

"नया टीचर"

क्लास में आते ही बच्चों को
अपना लंबा चौड़ा परिचय दिया।

बातों ही बातों में
उसने जान लिया की
लड़कियों के इस क्लास में
सबसे तेज और सबसे आगे
कौन सी लड़की है ?

उसने खामोश सी बैठी
उस लड़की से पूछा

बेटा आपका नाम क्या है ?

लड़की खड़ी हुई और बोली
जी सर , मेरा नाम है जूही

टीचर ने फिर पूछा

पूरा नाम बताओ बेटा ?

जैसे उस लड़की ने
नाम मे कुछ छुपा रखा हो

लड़की ने फिर कहा

जी सर , मेरा पूरा नाम जूही ही है

टीचर ने सवाल बदल दिया

और पूछा कि अच्छा
तुम्हारे पापा का नाम बताओ ?

लड़की ने जवाब दिया
जी सर , मेरे पापा का नाम है शमशेर !!

टीचर ने फिर पूछा
अपने पापा का पूरा नाम बताओ

लड़की ने जवाब दिया

मेरे पापा का पूरा नाम
शमशेर ही है सर जी

अब टीचर कुछ सोचकर बोला

अच्छा अपनी माँ का पूरा नाम बताओ

लड़की ने जवाब दिया
सर जी , मेरी माँ का पूरा नाम है निशा

टीचर के पसीने छूट चुके थे
क्योंकि अब तक
वो उस लड़की की फैमिली के
पूरे बायोडाटा में
जो एक चीज
ढूंढने की कोशिश कर रहा था
वो उसे नही मिला था !!

उसने आखिरी पैंतरा आजमाया

बोला -अच्छा तुम कितने भाई बहन हो ?

टीचर ने सोचा कि
जो चीज वो ढूंढ रहा है
शायद इसके भाई बहनों के नाम मे वो क्लू मिल जाये ?

लड़की ने टीचर के
इस सवाल का भी

बड़ी मासूमियत से जवाब दिया

बोली -सर जी , मैं अकेली हूँ
मेरे कोई भाई बहन नही है !!

अब टीचर ने
सीधा और निर्णायक सवाल पूछा

बेटे तुम्हारा धर्म क्या है ?

लड़की ने
इस सीधे से सवाल का भी
सीधा सा जवाब दिया

बोली -सर मैं एक विद्यार्थी हूँ
और ज्ञान प्राप्त करना ही
मेरा धर्म है !

मुझे पता है की
अब आप मेरे पेरेंट्स का धर्म पूछोगे !!

तो मैं आपको बता दूं कि
मेरे पापा का धर्म है मुझे पढ़ाना
और मेरी मम्मी की जरूरतों को
पूरा करना

और मेरी मम्मी का धर्म है
मेरी देखभाल
और मेरे पापा की जरूरतों को
पूरा करना

लड़की का जवाब सुनकर
टीचर के होश उड़ गये

उसने टेबल पर रखे
पानी के ग्लास की ओर देखा
लेकिन उसे उठाकर पीना भूल गया !

तभी लड़की की आवाज
एक बार फिर उसके कानों में
किसी धमाके की तरह गुंजी

सर मैं विज्ञान की छात्रा हूँ
और एक साइंटिस्ट बनना चाहती हूँ !

जब अपनी पढ़ाई पूरी कर लुंगी
और अपने माँ बाप के
सपनों को पूरा कर लुंगी

तब कभी फुरसत में
सभी धर्मों के अध्ययन में जुटूंगी

और जो भी धर्म
विज्ञान की कसौटी पर
खरा उतरेगा
उसे अपना लुंगी

लेकिन अगर
धर्मग्रंथों के उन पन्नों में
एक भी बात विज्ञान के विरुद्ध हुई
तो मैं उस पूरी पवित्र किताब को
अपवित्र समझूँगी

और उसे कूड़े के ढेर में
फेंक दूंगी !

क्योंकि साइंस कहता है
एक गिलास दूध में
अगर एक बूंद भी
केरोसिन मिली हो तो

पूरा का पूरा दूध ही बेकार हो जाता है !

लड़की की बात खत्म होते ही
पूरी क्लास
साथी लड़कियों की
तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठी !!

टीचर के पसीने छूट चुके थे !!

तालियों की गूंज उसके कानों में
गोलियों की गड़गड़ाहट की तरह
सुनाई दे रहे थे !

उसने आंखों पर लगे
धर्म के मोटे चश्मे को उतार कर
कुछ देर के लिए टेबल पर रख दिया

और पानी का ग्लास उठाकर
एक ही सांस में गटक लिया

थोड़ी हिम्मत जुटा कर
लड़की से बिना नजर मिलाये ही बोला !!

बेटा.....

I Proud of you...

दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सही होना चाहिए!

अँधे को मंदिर आया देख लोग हँसकर बोले
"मंदिर में दर्शन करने आये तो हो
पर क्या भगवान को देख पाओगें"??
अँधे ने कहाँ- "क्या फर्क पड़ता हैं,
मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा"
दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सही होना चाहिए!

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एक खरगोश रोज़ एक लोहार की दुकान पर जाता और पूछता
“गाजर है???”
,
लोहार इंकार कर देता।
एक दिन लोहार को बहुत गुस्सा आया और उसने पकड़कर खरगोश के दांत तोड़ दिए।
,
और कहा – अब तू “गाजर” खा के दिखा?
फिर ?
फिर क्या
अगले दिन खरगोश आया और पूछने लगा –
“गाजर का हलवा है???”
*इसे कहते हैं 
हकारात्मक वलण

मंजिल पाने के लिए, किसी रथ की जरूरत नहीं होती। सत्य को कहने के लिए, किसी शपथ की जरूरत नहीं होती।

सत्य को कहने के लिए,
किसी शपथ की जरूरत नहीं होती।
            नदियों को बहने के लिए,
किसी पथ की जरूरत नहीं होती।
                 जो बढ़ते हैं जमाने में,
    अपने मजबूत इरादों पर,
उन्हें अपनी मंजिल पाने के लिए,
      किसी रथ की जरूरत नहीं होती।


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ज्यादातर लोगों का ये स्वभाव होता है,
कि लोगो में विशेषता से पहले कमजोरी नजर आती है, अतः
हमें एक बात गाँठ बाँध लेनी चाहिए,
कि हम तभी लोगों को उनकी बुराई दिखाऐंगे,
जब हम खुद समस्त बुराईयों से निर्लिप्त हो जायें !!


एक मेढक पेड़ की चोटी पर चढ़ने का सोचता है और आगे बढ़ता है
बाकी के सारे मेंढक शोर मचाने लगते हैं "ये असंभव है.. आज तक कोई नहीं चढ़ा.. ये असंभव है.. नहीं चढ़ पाओगे"
मगर मेंढक आख़िर पेड़ की चोटी पर पहुँच ही जाता है.. जानते हैं क्यूँ?
क्योंकि वो मेंढक "बहरा" होता है.. और सारे मेंढकों को चिल्लाते देख सोचता है कि सारे उसका उत्साह बढ़ा रहे हैं
इसलिए अगर आपको अपने लक्ष्य पर पहुंचना है तो नकारात्मक लोगों के प्रति "बहरे" हो जाइऐ.


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हो सकता है हर दिन अच्छा ना हो ,
लेकिन हर दिने में कुछ न कुछ अच्छा होता है।


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बदला लेने में क्या मजा है ,
मजा तो तब है जब आप सामने वाले को बदल डालें.


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मच्छर का बच्चा पहली बार
उड़ा...  जब वापिस आया तो
बाप ने पूछा: "कैसा लगा उड़कर?"
मच्छर का बच्चा बोला:
"बहुत अच्छा... जहाँ भी गया,
लोग तालियाँ बजा
रहे थे" 


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