जिस तरह सिलाई मशीन
में धागा नहीं डालने पर
वो चलती तो है
पर कुछ सिलती नहीं...
में धागा नहीं डालने पर
वो चलती तो है
पर कुछ सिलती नहीं...
इसी तरह
समाज में कायँ नहीं करोगे
तो समाज चलेगा ज़रूर
पर समाज को जोड़ नहीं पायोगे
तो समाज चलेगा ज़रूर
पर समाज को जोड़ नहीं पायोगे
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एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा 8 रोने लगा...
पूछा मुझे क्यों मारा..?
9 बोला...
मैं बड़ा हु इसीलए मारा..
मैं बड़ा हु इसीलए मारा..
सुनते ही 8 ने 7 को मारा
और 9 वाली बात दोहरा दी
और 9 वाली बात दोहरा दी
7 ने 6 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को..
अब 1 किसको मारे
1 के निचे तो 0 था !
1 के निचे तो 0 था !
1 ने उसे मारा नहीं
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया
जैसे ही बैठाया...
उसकी ताक़त 10 हो गयी..!और 9 की हालत खराब हो गई.
उसकी ताक़त 10 हो गयी..!और 9 की हालत खराब हो गई.
जिन्दगीं में किसी का साथ ही काफी हैं,
कंधे पर किसी का हाथ ही काफी हैं,
कंधे पर किसी का हाथ ही काफी हैं,
दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,
"अनमोल रिश्तों
का तो बस "एहसास" ही काफी है ।
का तो बस "एहसास" ही काफी है ।