जरुरी नही की हर समय जुबान पर भगवान् का नाम आए,
वो लम्हा भी भक्ति का होता है जब इंसान-इंसान के काम आए..
वो लम्हा भी भक्ति का होता है जब इंसान-इंसान के काम आए..
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दूध को दुखी करो तो दही बनता है
दही को सताने से मक्खन बनता है
मक्खन को सताने से घी बनता है.
दही को सताने से मक्खन बनता है
मक्खन को सताने से घी बनता है.
दूध से महंगा दही है, दही से महंगा मक्खन है, और मक्खन से महंगा घी है.
किन्तु इन चारों का रंग एक ही है सफेद
इसका अर्थ है बाऱ- बार दुख और संकट आने पर भी जो इंसान अपना रंग नहीं बदलता,
समाज में उसका ही मूल्य बढ़ता है|
इसका अर्थ है बाऱ- बार दुख और संकट आने पर भी जो इंसान अपना रंग नहीं बदलता,
समाज में उसका ही मूल्य बढ़ता है|
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तेरा मेरा करते एक दिन चले जाना है,
जो भी कमाया यही रह जाना है !
कर ले कुछ अच्छे कर्म,
साथ यही तेरे जाना है !
रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,
लेकिन मुस्कुराने से...
पराये भी अपने हो जाते हैं !
मुझे वो रिश्ते पसंद है,
जिनमें " मैं " नहीं " हम " हो !!
इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही.
जो भी कमाया यही रह जाना है !
कर ले कुछ अच्छे कर्म,
साथ यही तेरे जाना है !
रोने से तो आंसू भी पराये हो जाते हैं,
लेकिन मुस्कुराने से...
पराये भी अपने हो जाते हैं !
मुझे वो रिश्ते पसंद है,
जिनमें " मैं " नहीं " हम " हो !!
इंसानियत दिल में होती है, हैसियत में नही,
उपरवाला कर्म देखता है, वसीयत नही.