नसीब सुविचार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं
नसीब सुविचार लेबलों वाले संदेश दिखाए जा रहे हैं. सभी संदेश दिखाएं

परिस्थितियां कभी समस्या नहीं बनती,* *समस्या इस लिए बनती है, क्योंकि हमें उन परिस्थितियों  से लड़ना नहीं आता।"

    *बारिश में नहाना आसान तो है*,
                    *लेकिन....*
    *रोज नहाने के लिए हम बारिश*
         *के सहारे नहीं रह सकते...!!*

     *इसी प्रकार भाग्य से कभी-कभी*
      *चीजे आसानी से मिल जाती है,*
   *किन्तु हमेशा भाग्य के भरोसे नहीं जी*
                  *सकते...!!*

          *कर्म ही असली भाग्य है*






एक घर के पास काफी दिन से एक बड़ी इमारत का काम चल रहा था। 
वहां रोज मजदूरों के छोटे-छोटे बच्चे एक दूसरे की शर्ट पकडकर रेल-रेल का खेल खेलते थे।

*रोज कोई बच्चा इंजिन बनता और बाकी बच्चे डिब्बे बनते थे...*

*इंजिन और डिब्बे वाले बच्चे रोज बदल  जाते,*
पर...

केवल चङ्ङी पहना एक छोटा बच्चा हाथ में रखा कपड़ा घुमाते हुए रोज गार्ड बनता था।

*एक दिन मैंने देखा कि* ...

उन बच्चों को खेलते हुए रोज़ देखने वाले एक व्यक्ति ने कौतुहल से गार्ड बनने वाले बच्चे को पास बुलाकर पूछा....

*"बच्चे, तुम रोज़ गार्ड बनते हो। तुम्हें कभी इंजिन, कभी डिब्बा बनने की इच्छा नहीं होती?"*

इस पर वो बच्चा बोला...
*"बाबूजी, मेरे पास पहनने के लिए कोई शर्ट नहीं है। तो मेरे पीछे वाले बच्चे मुझे कैसे पकड़ेंगे... और मेरे पीछे कौन खड़ा रहेगा....?*
*इसीलिए मैं रोज गार्ड बनकर ही खेल में हिस्सा लेता हूँ।* 

*"ये बोलते समय मुझे उसकी आँखों में पानी दिखाई दिया।* 

*आज वो बच्चा मुझे जीवन का एक बड़ा पाठ पढ़ा गया...*

*अपना जीवन कभी भी परिपूर्ण नहीं होता। उसमें कोई न कोई कमी जरुर रहेगी....*

वो बच्चा माँ-बाप से ग़ुस्सा होकर रोते हुए बैठ सकता था। परन्तु ऐसा न करते हुए उसने परिस्थितियों का समाधान ढूंढा।

*हम कितना रोते हैं?*
कभी अपने *साँवले रंग* के लिए, कभी *छोटे क़द* के लिए, 
कभी पड़ौसी की *बडी कार,* 
कभी पड़ोसन के *गले का हार,* कभी अपने *कम मार्क्स,* 
कभी *अंग्रेज़ी,* 
कभी *पर्सनालिटी,* 
कभी *नौकरी की मार* तो 
कभी *धंदे में मार*...
हमें इससे बाहर आना पड़ता है....
*ये जीवन है... इसे ऐसे ही जीना पड़ता है।*
 *चील की ऊँची उड़ान देखकर चिड़िया कभी डिप्रेशन में नहीं आती,*
*वो अपने आस्तित्व में मस्त रहती है,*
*मगर इंसान, इंसान की ऊँची उड़ान देखकर बहुत जल्दी चिंता में आ जाते हैं।*
*तुलना से बचें और खुश रहें ।*
*ना किसी से ईर्ष्या, ना किसी से कोई होड़..!!!*
*मेरी अपनी हैं मंजिलें, मेरी अपनी दौड़..!!!*
            
            स्नेह वंदन   
  
*"परिस्थितियां कभी समस्या नहीं बनती,*
*समस्या इस लिए बनती है, क्योंकि हमें उन परिस्थितियों  से लड़ना नहीं आता।"*
                

जिंदगी में कुछ फैसले हम खुद लेते हैं, और कुछ हमारी तकदीर। बस अंतर तो सिर्फ इतना है कि तकदीर के फैसले हमें पसंद नहीं आते और हमारे फैसले तकदीर पसंद नहीं करती।


             तकदीर :
एक   हसीन   लडकी
राजा  के  दरबार   में
डांस   कर  रही   थी...
( राजा   बहुत   बदसुरत   था )
लडकी   ने   राजा   से   एक
सवाल   की  इजाजत  मांगी
.
राजा   ने  कहा ,
                     ' चलो  पुछो .'
.
लडकी   ने   कहा ,
   'जब    हुस्न   बंट   रहा   था
      तब   आप   कहां  थे..??
.
राजा   ने   गुस्सा   नही  किया
बल्कि
मुस्कुराते   हुवे   कहा
  ~  जब   तुम   हुस्न   की
       लाइन्   में   खडी
       हुस्न    ले   रही   थी , ~
.
~    तो   में
  किस्मत  की   लाइन  में  खडा
             किस्मत  ले  रहा  था
.
          और   आज 
     तुझ  जैसीे   हुस्न   वालीयां
      मेरी  गुलाम   की   तरह
       नाच   रही   है...........
.
इसलीय  शायर  खुब  कहते  है,
.
    " हुस्न   ना   मांग
      नसीब   मांग   ए   दोस्त ,
       हुस्न   वाले   तो
      अक्सर   नसीब   वालों  के
      गुलाम   हुआ   करते   है...
      " जो   भाग्य   में   है ,
        वह   भाग   कर  आएगा,
    
         जो   नहीं   है ,
         वह   आकर   भी
         भाग   जाएगा....!!!!!."
यहाँ   सब   कुछ   बिकता   है ,
दोस्तों  रहना  जरा  संभाल  के,
बेचने  वाले  हवा भी बेच देते है,
      गुब्बारों   में   डाल   के,
        सच   बिकता   है ,
        झूट   बिकता   है,
       बिकती   है   हर   कहानी,
       तीनों  लोक  में  फेला  है ,
       फिर   भी   बिकता   है
       बोतल  में  पानी ,
कभी फूलों की तरह मत जीना,
जिस   दिन  खिलोगे ,
टूट  कर  बिखर्र  जाओगे ,
जीना  है  तो
पत्थर   की   तरह   जियो ;
जिस   दिन   तराशे   गए ,
" भगवान " बन  जाओगे...!!!!


____________________________________

*"चलते रहे कदम दोस्तों*
               *किनारा जरुर मिलेगा ।*
*अन्धकार से लड़ते रहे*
               *सवेरा जरुर खिलेगा ।*
*जब ठान लिया मंजिल पर जाना*
               *रास्ता जरुर मिलेगा ।*
*ए राही न थक, चल..*
          *एक दिन समय जरुर फिरेगा।"*

____________________________________

जरुरत से ज्यादा मिले उसको कहते हैं……"नसीब"
भगवान का दिया सबकुछ हैं फिर भी रोता हे उसको कहते हे…"बदनसीब"
और कुछ भी ना होकर भी खुश रहता हे….उसको कहते हे…"खुशनसीब"




____________________________________

*जिंदगी मे चुनौतियाँ हर किसी के हिस्से नहीं आती,*
*क्योंकि किस्मत भी किस्मत वालों को ही आज़माती है।*


____________________________________

"जो भाग्य में है , वह
               भाग कर आएगा,
जो नहीं है , वह
          आकर भी भाग जाएगा...!"
यहाँ सब कुछ बिकता है ,
         दोस्तों रहना जरा संभाल के ,
बेचने वाले हवा भी बेच देते है ,
                    गुब्बारों में डाल के ,
सच बिकता है , झूट बिकता है,
                   बिकती है हर कहानी ,
तीनों लोक में फेला है , फिर भी
                  बिकता है बोतल में पानी ,
कभी फूलों की तरह मत जीना,
          जिस दिन खिलोगे ,
                  टूट कर बिखर्र जाओगे ,
जीना है तो पत्थर की तरह जियो;
          जिस दिन तराशे गए ,
                 "भगवान" बन जाओगे....!!


____________________________________

जिंदगी में कुछ फैसले हम खुद
लेते हैं, और कुछ हमारी तकदीर।
बस अंतर तो सिर्फ इतना है कि तकदीर के फैसले हमें पसंद नहीं आते
और
हमारे फैसले तकदीर पसंद नहीं करती।



____________________________________