बोली बता देती है, इंसान कैसा है, बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है, घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है , संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!

*"किस पर ठहरती है नज़र,*

*ये नज़र..नज़र की बात है!*


*कौन,किसका,कितना बन जाता है अजीज..*


*यह मुकद्दर की बात है!"*



बोली बता देती है, इंसान कैसा है!

बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!
घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है !
संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!




कभी तानों में कटेगी, 
कभी तारीफों में;
ये जिंदगी है यारों, 
पल पल घटेगी !
पाने को कुछ नहीं, 
ले जाने को कुछ नहीं;
फिर भी क्यों चिंता करते हो ?
इससे सिर्फ खूबसूरती घटेगी,
ये जिंदगी है यारों पल पल घटेगी !!
.
बार बार रफू करता रहता हूँ,
...जिन्दगी की जेब !!
कम्बखत फिर भी, निकल जाते हैं...,
खुशियों के कुछ लम्हें !!
.
ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही...
ख़्वाहिशों का है !!
ना तो किसी को गम चाहिए,
ना ही किसी को कम चाहिए !!
.
खटखटाते रहिए दरवाजा...,
एक दूसरे के मन का;
मुलाकातें ना सही,
आहटें आती रहनी चाहिए !!
.
उड़ जाएंगे एक दिन ...,
तस्वीर से रंगों की तरह!
हम वक्त की टहनी पर...,
बेठे हैं परिंदों की तरह !!
.
बोली बता देती है, इंसान कैसा है!
बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!
घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है !कभी तानों में कटेगी, 
कभी तारीफों में;
ये जिंदगी है यारों, 
पल पल घटेगी !
पाने को कुछ नहीं, 
ले जाने को कुछ नहीं;
फिर भी क्यों चिंता करते हो ?
इससे सिर्फ खूबसूरती घटेगी,
ये जिंदगी है यारों पल पल घटेगी !!
.
बार बार रफू करता रहता हूँ,
...जिन्दगी की जेब !!
कम्बखत फिर भी, निकल जाते हैं...,
खुशियों के कुछ लम्हें !!
.
ज़िन्दगी में सारा झगड़ा ही...
ख़्वाहिशों का है !!
ना तो किसी को गम चाहिए,
ना ही किसी को कम चाहिए !!
.
खटखटाते रहिए दरवाजा...,
एक दूसरे के मन का;
मुलाकातें ना सही,
आहटें आती रहनी चाहिए !!
.
उड़ जाएंगे एक दिन ...,
तस्वीर से रंगों की तरह!
हम वक्त की टहनी पर...,
बेठे हैं परिंदों की तरह !!
.
बोली बता देती है, इंसान कैसा है!
बहस बता देती है, ज्ञान कैसा है!
घमण्ड बता देता है, कितना पैसा है !
संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!
.
ना राज़ है... "ज़िन्दगी",
ना नाराज़ है... "ज़िन्दगी";
बस जो है, वो आज है, ज़िन्दगी!
.
मिलने को तो हर शख्स,
हमसे बड़ा एहतराम से मिला,
पर जो भी मिला...,
किसी ना किसी काम से मिला !!
.
जीवन की किताबों पर,
बेशक नया कवर चढ़ाइये;
पर...बिखरे पन्नों को,
पहले प्यार से चिपकाइये !!!
संस्कार बता देते है, परिवार कैसा है !!
.
ना राज़ है... "ज़िन्दगी",
ना नाराज़ है... "ज़िन्दगी";
बस जो है, वो आज है, ज़िन्दगी!
.
मिलने को तो हर शख्स,
हमसे बड़ा एहतराम से मिला,
पर जो भी मिला...,
किसी ना किसी काम से मिला !!
.
जीवन की किताबों पर,
बेशक नया कवर चढ़ाइये;
पर...बिखरे पन्नों को,
पहले प्यार से चिपकाइये !!!