*प्रेम एटले शु*
*प्रेम नथी सुंदरता निहालतु, प्रेम नथी कदी कद्रूरुपु निहालतु,*
*प्रेम नथी कदावर के पतला नथी निहालतु,*
*प्रेम नथी कदी नाती जाती नथी निहालतु,*
*प्रेम नथी कदी धनवान के निर्धन निहालतु,*
*प्रेम को ना दिखे रात के दिन,*
*प्रेंम को ना दिखे किसी व्यवस्थित ना दिखे अवयस्थित,*
*प्रेम तो बस आखिर प्रेम ही नाम है इसे दूसरा कोई नाम बदलने की कोशिश ना कीजिये.*
*"भूख ना जाने भावतु,*
*प्रीत ना जाने जात,*
*ऊंघ ना जाने उकरदो,*
*जया सुता त्या ज रात"........*
*सभीका जीवन प्रेममय रहे*
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*इन्सान* " *इस एक कारण से*
*अकेला हो जाता है*,
" *अपनो" को छोडने की सलाह*
" *गैरों" से लेता है*