एक बार समुद्री तूफ़ान के बाद हजारों लाखों मछलियाँ किनारे पर रेत पर तड़प तड़प कर मर रहीँ थीं ! इस भयानक स्थिति को देखकर पास में रहने वाले एक 6 वर्ष के बच्चे से रहा नहीं गया, और वह एक एक मछली उठा कर समुद्र में वापस फेकनें लगा ! यह देख कर उसकी माँ बोली, बेटा लाखों की संख्या में है , तू कितनों की जान बचाएगा ,यह सुनकर बच्चे ने अपनी स्पीड और बढ़ा दी, माँ फिर बोली बेटा रहनें दे कोई फ़र्क नहीं पड़ता !
बच्चा जोर जोर से रोने लगा और एक मछली को समुद्र में फेकतें हुए जोर से बोला माँ "इसको तो फ़र्क पड़ता है" दूसरी मछली को उठाता और फिर बोलता माँ "इसको तो फ़र्क पड़ता हैं" ! माँ ने बच्चे को सीने से लगा लिया !
हो सके तो लोगों को हमेशा होंसला और उम्मीद देनें की कोशिश करो, न जानें कब आपकी वजह से किसी की जिन्दगी बदल जाए! क्योंकि आपको कोई फ़र्क नहीं पड़ता पर "उसको तो फ़र्क पड़ता है!
*यह कैसी बिडम्बना है कि मानव, मानव पर तो विश्वास कर रहा है पर जिस दयालु प्रभु ने मानव को जन्म दिया उस पर विश्वास नहीं कर पा रहा है। ये शरीर, मन, बुद्धि, विचार, ऊर्जा देने वाले तो श्री हरि ही हैं।*
*आदमी सुबह जगता है घर के प्रत्येक सदस्य को " गुड मोर्निंग " बोलता है लेकिन जिस प्रभु के कारण गुड मोर्निंग कहने के लिए एक दिन और मिल गया, उसे बिलकुल भी स्मरण नहीं कर रहा। तुम जगत के रूठने का बिलकुल भी भय मत करो, प्रभु ना रूठें यह ध्यान रखो।*
*हांड- मांस के पुतलों का विस्मरण हो जाये कोई बात नहीं परमात्मा (Krishna) का विस्मरण ना हो। तुम लक्ष्मी के पीछे मत भागो , नारायण को पकड़ लोगे तो लक्ष्मी दौड़ी चली आएगी।*
*माया को हर कोई भजे,हरि को भजे ना कोय।*
*कह Das हरि को भजे माया चेरी(दासी)होय ।।*