सुख और दुःख कि पहेली है -जीवन

*स्मरण के पन्नो से भरा है*
*जीवन*

*सुख और दुःख कि पहेली है*
*जीवन*

*कभी अकेले बैठ कर* 
*चिंतन करके तो देखो*

*संबंधों के बगैर अपूर्ण है जीवन*



*सच्चाई के इस जंग मे ,*
                *कभी झूठे भी जीत जाते है..*
*समय अपना अच्छा न हो तो ,*
                  *कभी अपने भी रूठ जाते है..*
*कच्चे मकान देखकर किसी से*
                    *रिश्ता ना तोडना क्योंकि*
*मिट्टी की पकड बहुत मजबूत होती है*
                *और*
*संगमरमर पर तो अक्सर पैर फिसल जाते हैं*




*गिनकर ठीक से देखा नहीं …*
*मगर*
*इतना मालूम हैं खुशियाँ*
*बांटने से बढती हैं ...*



**आपकी सोच ही*

*आपको बड़ा बनाती है...!!*
*यदि हम गुलाब की तरह*
*खिलना चाहते है तो*
*काँटों के साथ तालमेल की*
*कला सीखनी होगी*

*"अपनी जिंदगी के*
*किसी भी दिन को मत कोसना"*
*"क्योंकि;"*
*"अच्छा दिन खुशियाँ लाता है"*
*"और बुरा दिन अनुभव;."*
*"एक सफल जिंदगी के लिए दोनों जरूरी है*"

*"चार बातों" में कभी भी*
*शरम औऱ संकोच*
*नहीं मेहसूस करनी चाहियें।*

*- पूराने कपड़े*
*- गरीब मित्र*
*- बुज़ुर्ग माता-पिता*
  *औऱ...*
*- सरल जीवन-शैली*




*ख़ुशी पैसों पर नहीं,*
*परिस्थितियों पर निर्भर करती है I*
*एक बच्चा गुब्बारा ख़रीद कर ख़ुश था,*
*तो दूसरा उसे बेच कर..!!!*
*तीसरा उसे फोड़कर!!!!*




सुपर सुविचार



अपने देश में आधे से*

*ज्यादा रिश्ते उधार दिए रूपये*

*वापस मांगने में टूट जाते हे*




*" आँसू जानते हैं कौन अपना है*;
*तभी तो अपनों के सामने टपक जाते है। "*

       *" मुस्कुराहट का क्या है*;
*वह तो ग़ैरों से भी वफ़ा कर लेती है..!! "*



*करे रूसवा जो ओरों को*
*ख़ुदा उन्हें इज़्ज़त नहीं देता*

*हक़ पर चलने वालों को*
*कभी ज़िल्लत नहीं देता*

*किसी का हक़ दबाकर तुम*
*अपना पेट मत भरना*

*ख़ुदा ऐसे निवालों मे*
*कभी लज़्ज़त नहीं देता*