छु ना सकूं "आसमान" ...तो ना सही ....हर एक के "दिलो" को छु जाऊ.. बस इतनी सी "तमन्ना" है !!!*

*छु ना सकूं "आसमान" ....तो ना सही ....*

*हर एक के "दिलो" को छु जाऊ..बस इतनी सी* *"तमन्ना" है !!!*

*"खो" देते हैं..*
*फिर...*
*"खोजा" करते हैं,*
*यही खेल हम जिन्दगी भर "खेला" करते है !!*

*जीता रहा मै, अपनी धुन मे*
*दुनिया का कायदा नही देखा...*
*रिश्ता निभाया तो दिल से,*
*कभी फायदा नही देखा।*

*हैरान कर के मुझे, लोग खुश होते है।*

*मैं खुश रहकर, लोगो को हैरान करता हूँ।*

*थोड़ा सा और निखर जाऊं, यही मैंने ठानी है,*

*ऐ जिंदगी, थोड़ा रुक, अभी मैंने हार कहाँ मानी है ?*

*जिंदगी कैसी अजीब हो गई है*

*खुश दिखना*

*खुश होने से ज्यादा जरुरी हो गया है*

*कागज की कश्ती में सवार है हम...*

*फिर भी कल के लिये , परेशान है हम....*

*कभी कभी रिश्तों की कीमत वो लोग समझा देते है*

*जिनसे हमारा कोई रिश्ता ही नहीं होता है*

*पहले जिंदगी में थोड़ी सी*
*टेंशन थी,*

*अब टेंशन में थोड़ी सी,*
*जिंदगी रह गयी है.*
 

*जो सफर की शुरुआत करते हैं,*
*वे मंजिल भी पा लेते हैं.*

*बस,*
*एक बार चलने का*
*हौसला रखना जरुरी है.*

*क्योंकि,*
*अच्छे इंसानों का तो*
*रास्ते भी इन्तजार करते हैं..*



सुंदर सुविचार