: एक खूबसूरत सोच :
*माना की "SAPNE" का पहला लफ्ज ‘S‘ होता है*
*लेकिन अगर ‘S‘ को निकाल दे तो,,*
*"APNE" रह जाते है ..*
*और अगर "APNE" साथ दे तो ,,*
*हर "SAPNE" पूरे होते है ..!!*
*ज़िंदगी उसी को आज़माती है*
*जो हर मोड़ पर चलना जानता है....!!*
*कुछ "पाकर" तो हर कोई मुस्कुराता है,*
*ज़िंदगी शायद उनकी ही होती है जो बहुत कुछ "खोकर" भी मुस्कुराना जानता है..*
*हथेली पर रखकर नसीब..*
*"तु क्यों अपना*
*मुकद्दर ढूँढ़ता है.."*
*सीख उस समन्दर से..*
*"जो टकराने के लिए*
*पत्थर ढूँढ़ता है.."*