सफलता के 20 मँत्र "
1.खुद की कमाई से कम
खर्च हो ऐसी जिन्दगी
बनाओ..!
खर्च हो ऐसी जिन्दगी
बनाओ..!
2. दिन मेँ कम से कम
3 लोगो की प्रशंसा करो..!
3 लोगो की प्रशंसा करो..!
3. खुद की भुल स्वीकारने
मेँ कभी भी संकोच मत
करो..!
मेँ कभी भी संकोच मत
करो..!
4. किसी के सपनो पर हँसो
मत..!
मत..!
5. आपके पीछे खडे व्यक्ति
को भी कभी कभी आगे
जाने का मौका दो..!
को भी कभी कभी आगे
जाने का मौका दो..!
6. रोज हो सके तो सुरज को
उगता हुए देखे..!
उगता हुए देखे..!
7. खुब जरुरी हो तभी कोई
चीज उधार लो..!
चीज उधार लो..!
8. किसी के पास से कुछ
जानना हो तो विवेक से
दो बार...पुछो..!
जानना हो तो विवेक से
दो बार...पुछो..!
9. कर्ज और शत्रु को कभी
बडा मत होने दो..!
बडा मत होने दो..!
10. ईश्वर पर पुरा भरोसा
रखो..!
रखो..!
11. प्रार्थना करना कभी
मत भुलो,प्रार्थना मेँ
अपार शक्ति होती है..!
मत भुलो,प्रार्थना मेँ
अपार शक्ति होती है..!
12. अपने काम से मतलब
रखो..!
रखो..!
13. समय सबसे ज्यादा
कीमती है, इसको फालतु
कामो मेँ खर्च मत करो..
कीमती है, इसको फालतु
कामो मेँ खर्च मत करो..
14. जो आपके पास है, उसी
मेँ खुश रहना सिखो..!
मेँ खुश रहना सिखो..!
15. बुराई कभी भी किसी कि
भी मत करो,
क्योकिँ बुराई नाव मेँ
छेद समान है,बुराई
छोटी हो बडी नाव तो
डुबो ही देती है..!
भी मत करो,
क्योकिँ बुराई नाव मेँ
छेद समान है,बुराई
छोटी हो बडी नाव तो
डुबो ही देती है..!
16. हमेशा सकारात्मक सोच
रखो..!
रखो..!
17. हर व्यक्ति एक हुनर
लेकर पैदा होता है बस
उस हुनर को दुनिया के
सामने लाओ..!
लेकर पैदा होता है बस
उस हुनर को दुनिया के
सामने लाओ..!
18. कोई काम छोटा नही
होता हर काम बडा होता
है जैसे कि सोचो जो
काम आप कर रहे हो
अगर वह काम
आप नही करते हो तो
दुनिया पर क्या असर
होता..?
होता हर काम बडा होता
है जैसे कि सोचो जो
काम आप कर रहे हो
अगर वह काम
आप नही करते हो तो
दुनिया पर क्या असर
होता..?
19. सफलता उनको ही
मिलती है जो कुछ
करते है
मिलती है जो कुछ
करते है
20. कुछ पाने के लिए कुछ
खोना नही बल्कि कुछ
करना पडता है
खोना नही बल्कि कुछ
करना पडता है
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पेड बूढा ही सही,
आंगन में रहनेदो,
फल न सही, छाव तो अवश्य देगा
ठीक उसी प्रकार
माता-पिता बूढे ही सही,
घर में ही रहने दो,
दोलत तो नहीं कमा सकते,
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।
लेकीन आपके बच्चों को संस्कार अवश्य देगे ।।
इसे जितनी जगह पहुंचा
सकते हैं -:- पहुंचायें -:
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हर पतंग जानती है, अंत में कचरे में जाना है...
लेकिन उसके पहले हमें, आसमान छूकर दिखाना है....
जिदंगी भी यही चाहती है
कोशिश आखरी "सांस" तक करनी चाहिए...
"मंजिल" मिले या "तजुर्बा" चीजे दोनो ही नायाब है...
कोशिश आखरी "सांस" तक करनी चाहिए...
"मंजिल" मिले या "तजुर्बा" चीजे दोनो ही नायाब है...