कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!

मेरी बाकी उंगलियां
उस उंगली से जलती है,
जिस उंगली को पकड़कर,
मेरी बेटी चलती है...!!!



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"कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!  
                                        
"'बेटी बचाओ, बेटी पढाओ..!'

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बेहतरीन शब्द.....

"जब मैंने जन्म लिया,वहां "एक नारी" थी जिसने मुझे थाम लिया......
     
                        || मेरी माँ ||

बचपन में जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया "एक नारी" वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी.....
                  || मेरी बहन ||

जब मैं स्कूल गया "एक नारी" ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की......
                || मेरी शिक्षिका ||
जब भी मै जीवन से निराश और हताश हुआ और जब भी हारा तब "एक नारी" ने मुझे संभाला ...
              || मेरी महिला मित्र ||
जब मुझे सहयोग,साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई तब "एक नारी" हमेशा मेरे साथ थी.....
              || मेरी पत्नी ||

जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब "एक नारी" ने मेरे व्यवहार को नरम कर दिया.....
              ||मेरी बेटी||

जब मैं मरूँगा तब भी "एक नारी" मुझे अपने गोद में समा लेगी.......
              || धरती माँ ||
यदि आप पुरुष हैं तो हर नारी का सम्मान करें.....और यदि आप महिला हैं, उन में से एक होने पर गर्व  करे...

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क्या खूब लिखा है एक पिता ने…
हमें तो सुख मे साथी चाहिये
दुख मे तो…
हमारी "बेटी" अकेली ही काफी है…