*जिंदगी में आप बेफिक्र होकर क्यों नहीं रहते जबकि आप जानते हैं कि जिंदगी चलाने वाला भगवान*
आप हवाई जहाज में बेफिक्र होके बैठते हैं जबकि आप पायलट को जानते तक नहीं
आप जहाज में बेफिक्र हो कर बैठते है जबकि आप केप्टन को जानते तक नहीँ
आप बस में भी बेफिक्र होकर सवारी करते हैं जबकि बस ड्राइवर को आप पहचानते तक नहीं
ट्रेन में भी आप बेफिक्र होकर यात्रा करते हैं जबकि मोटरमैन को आप जानते तक नहीं
फिर जिंदगी में आप बेफिक्र होकर क्यों नहीं रहते जबकि आप जानते हैं कि जिंदगी चलाने वाला भगवान हैं
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आज मंदिर में बहुत भीड़ थी, एक *विदेशी लड़की दर्शन* के लिए लगी लम्बी लाइन को अचरज से देख रही थी, *तभी एक पंडित जी आये और बोले :~* बहुत लम्बी कतार है, ऎसे दर्शन नही हो पाएंगे, *501* रू. मे *VIP* पास ले लो, जल्दी दर्शन करवा दूंगा !
*विदेशी *लड़की बोली :~* मै 5100 दूंगी, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें !
*पंडित जी बोले :~* मजाक करती हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ?
*विदेशी लड़की फिर बोली :~* मै 51000 दूंगी, उनसे कहो, मुझ से मेरे घर पर आकर मिल लें !
*पंडितजी:~* (गुस्से मे) : तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है !
*विदेशी लड़की :~ वही तो मै भी पूछना चाहती हूं, आपने भगवान को समझ क्या रखा है ?*
वैज्ञानिक तर्क सफल जीवन का मूल आधार हैं
इसलिए बुद्ध कहते हैं -
जो तर्क नही करता वह धर्म में अँधा हैं , जो तर्क नही कर सकता वो मुर्ख हैं और जो तर्क-वितर्क करने का साहस ही नही कर सकता वो मानसिक ग़ुलाम हैं ।
*विदेशी *लड़की बोली :~* मै 5100 दूंगी, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें !
*पंडित जी बोले :~* मजाक करती हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ?
*विदेशी लड़की फिर बोली :~* मै 51000 दूंगी, उनसे कहो, मुझ से मेरे घर पर आकर मिल लें !
*पंडितजी:~* (गुस्से मे) : तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है !
*विदेशी लड़की :~ वही तो मै भी पूछना चाहती हूं, आपने भगवान को समझ क्या रखा है ?*
वैज्ञानिक तर्क सफल जीवन का मूल आधार हैं
इसलिए बुद्ध कहते हैं -
जो तर्क नही करता वह धर्म में अँधा हैं , जो तर्क नही कर सकता वो मुर्ख हैं और जो तर्क-वितर्क करने का साहस ही नही कर सकता वो मानसिक ग़ुलाम हैं ।
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सारा जहा उसी का है
जो मुस्कुराना जानता है
रोशनी भी उसी की है जो शमा
जलाना जानता है
हर जगह मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे है।
लेकीन इश्वर तो उसीका है जो
"सर" झुकाना जानता है!
जो मुस्कुराना जानता है
रोशनी भी उसी की है जो शमा
जलाना जानता है
हर जगह मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे है।
लेकीन इश्वर तो उसीका है जो
"सर" झुकाना जानता है!
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*पेड़ के नीचे रखी भगवान की टूटी मूर्ति को देख कर समझ आया,*
*कि..*
*परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,*
*पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*
*पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*
*वर्ना ये दुनिया जब टूटने पर भगवान को घर से निकाल सकती है तो फिर हमारी तो औकात ही क्या है।*
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*अच्छे लोगों की भगवान*
*परीक्षा बहुत लेता है,*
*परन्तु साथ नहीं छोडता,*
*और*
*बुरे लोगों को भगवान*
*बहुत कुछ देता है,*
*परन्तु साथ नहीं देता|*
*परीक्षा बहुत लेता है,*
*परन्तु साथ नहीं छोडता,*
*और*
*बुरे लोगों को भगवान*
*बहुत कुछ देता है,*
*परन्तु साथ नहीं देता|*
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" ईश्वर तो दिखाई भी
नहीं देते …
विश्वास कैसे करूँ ?"
नहीं देते …
विश्वास कैसे करूँ ?"
सुदंर जवाब मिला …
"श्रद्धा वाई-फ़ाई
कि तरह होती है …
कि तरह होती है …
दिखती तो नहीं है …
पर सही पासवर्ड डालो
तो कनेक्ट हो जाते हो "
पर सही पासवर्ड डालो
तो कनेक्ट हो जाते हो "
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; _*पावों में यदि जान हो*_
_*तो*_
_*मंजिल तुमसे दूर नहीं।*_
_*तो*_
_*मंजिल तुमसे दूर नहीं।*_
_*आँखों में यदि पहचान हो,*_
_*तो*_
_*इंसान तुमसे दूर नहीं।*_
_*तो*_
_*इंसान तुमसे दूर नहीं।*_
_*दिल में यदि स्थान हो*_
_*तो*_
_*अपने तुमसे दूर नहीं।*_
_*तो*_
_*अपने तुमसे दूर नहीं।*_
_*भावना में यदि जान हो,*_
_*तो*_
_*भगवान तुमसे दूर नहीं।*_
_*तो*_
_*भगवान तुमसे दूर नहीं।*_
कीमती मोतियों की माला जितनी बार भी टूटे उसे पिरोना ही पड़ता है।। एक सच्चा दोस्त अगर सौ भी बार रूठे तो उसे मना लो।
एक सच्चा दोस्त
अगर सौ भी बार रूठे तो
उसे मना लो
क्योंकि,,
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कीमती मोतियों की माला
जितनी बार भी टूटे
उसे पिरोना ही पड़ता है।।
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*दोस्ती* शब्द का अर्थ
बड़ा ही मस्त होता है .., ( दो+हस्ती )
जब दो हस्ती मिलती हैं ..,
तब दोस्ती होती है ... ...
*समुंदर* _ _ ना हो तो _ _*कश्ती* _ _ किस काम कीं ..._
*मजाक*_ _ना हो , तो _ _ *मस्ती* _ _ किस काम की ... _
*दोस्तों* _ _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ *जिंदगी...* _
अगर _ _ *दोस्त* _ _ ही ना हो , तो फिर ये _ _ *जिंदगी* _ _ किस काम कीं ...
बड़ा ही मस्त होता है .., ( दो+हस्ती )
जब दो हस्ती मिलती हैं ..,
तब दोस्ती होती है ... ...
*समुंदर* _ _ ना हो तो _ _*कश्ती* _ _ किस काम कीं ..._
*मजाक*_ _ना हो , तो _ _ *मस्ती* _ _ किस काम की ... _
*दोस्तों* _ _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ *जिंदगी...* _
अगर _ _ *दोस्त* _ _ ही ना हो , तो फिर ये _ _ *जिंदगी* _ _ किस काम कीं ...
चंद लाइने दोस्तों के नाम :-*
"क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"
"क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !
"फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त "
"क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !
"फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त "
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परिवार और दोस्त साथ है तो,
हर ऋतु "बसन्त"है,
हर ऋतु "बसन्त"है,
ना हो तो "बस- अंत" है!!!
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*दीवो माटीनो छे*
*के*
*सोनानो ते महत्वनुं नथी*
*परंतु*
*ते अंधारामां प्रकाश केटलो आपे छे*,
*ते महत्वनुं छे.*
*के*
*सोनानो ते महत्वनुं नथी*
*परंतु*
*ते अंधारामां प्रकाश केटलो आपे छे*,
*ते महत्वनुं छे.*
*तेवी ज रीते*
*मित्र गरीब होय के अमीर*
*ते*
*महत्व नु नथी*
*दुःखमा केटलो मददरुप थाय छे*
*ते महत्वनुं छे*.
*मित्र गरीब होय के अमीर*
*ते*
*महत्व नु नथी*
*दुःखमा केटलो मददरुप थाय छे*
*ते महत्वनुं छे*.
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जीवन मे ' दो ' तरह के दोस्त ज़रूर बनाना ..
.एक ' कृष्ण ' कि तरह, जो आपके लिए लड़ेगा नहीं, पर ये ' सुनिश्चित ' करेगा कि आप ही जीत जाए ..
और ..
दुसरा ' कर्ण ' कि तरह जो आप के लिए तब भी लड़ेगा , जब आपकी ' हार ' सामने दिख रही हो ..!!!
.एक ' कृष्ण ' कि तरह, जो आपके लिए लड़ेगा नहीं, पर ये ' सुनिश्चित ' करेगा कि आप ही जीत जाए ..
और ..
दुसरा ' कर्ण ' कि तरह जो आप के लिए तब भी लड़ेगा , जब आपकी ' हार ' सामने दिख रही हो ..!!!
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मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
वो पल भर की नाराजगियाँ,
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं...!!
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं...!!
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मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो.
मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है!
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है...
जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो.
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दोस्त शब्दका अर्थ बड़ा ही
मस्त होता है..!!
"दोष" का जो "अस्त" करदे
वही दोस्त होता है.!!
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मित्रता ऐटले शु ?
"इश्वर जेमने लोही ना संबंध थी जोडवानु भुली गया होय,
ऐवा वयक्ती ने इश्वर मित्रो बनावी ने भूल सुधारी लेता होय छे।।"
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सारुं गीत होय तो ,
5- मिनिट आनंद मां जाय ,
सारी फिल्म होय तो ,
3- कलाक आनंद मां जाय ,
सारी कोलेज होय तो ,
3- वर्ष आनंद मां जाय,
……………परंतू……………
तमारा जेवा मित्रों नों
संगाथ होय तो आखी
ज़िंदगी आनंद मां जाय ""''''''!!!!!!!!
5- मिनिट आनंद मां जाय ,
सारी फिल्म होय तो ,
3- कलाक आनंद मां जाय ,
सारी कोलेज होय तो ,
3- वर्ष आनंद मां जाय,
……………परंतू……………
तमारा जेवा मित्रों नों
संगाथ होय तो आखी
ज़िंदगी आनंद मां जाय ""''''''!!!!!!!!
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जिंदगी का खूबसूरत लम्हा कौनसा होता है...?
जब आपका परिवार आपको दोस्त समझने लगे,
और आपके दोस्त आपको अपना परिवार....
और आपके दोस्त आपको अपना परिवार....
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मित्र सुख मे हो तो
आमंत्रण के
सिवा जाना नही
मित्र मुसीबत मे हो तो
आमंत्रण का
इंतजार करना नहीं !!
आमंत्रण के
सिवा जाना नही
मित्र मुसीबत मे हो तो
आमंत्रण का
इंतजार करना नहीं !!
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एक पेन गलती कर सकता है लेकिन एक पेन्सिल गल्ती नही कर सकती।
क्योंकि उसके साथ दोस्त है,"रबर", जब तक एक सच्चा दोस्त आपके साथ हैं, वह आपकी जिंदगी की गलतियां मिटाकर आपको सम्पूर्ण बना देगा.
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"पहली नमस्ते परमात्मा को,
जिन्होंने हमें बनाया है".
जिन्होंने हमें बनाया है".
"दूसरी नमस्ते माता पिता को,
जिन्होंने हमें
अपनी गोद में खिलाया है".
जिन्होंने हमें
अपनी गोद में खिलाया है".
"तीसरी नमस्ते गुरुओं को,
जिन्होंने हमको
वेद और ज्ञान सिखाया है".
जिन्होंने हमको
वेद और ज्ञान सिखाया है".
"चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते
"आप को",
"जिन्होंने हमें अपने साथ
जुड़े रहने का मौका दिया है"
"आप को",
"जिन्होंने हमें अपने साथ
जुड़े रहने का मौका दिया है"
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"जिन्दगी" एक प्रोजेक्ट है
और
"रिश्ते" एक टारगेट,
"वाईफ" डेली रिपोर्टिंग है
और
"औलाद" इन्सेन्टिव,
"जवानी" एक कमिटमेंट है
और
"बुढ़ापा" एचीवमेंट,
लेकिन... ...........................
"मित्रता" सेलरी है
और
"सेलरी" को कोई कभी नहीं भूलता,
जो वक्त के साथ साथ बढ़ती जाती है,
और
"पुरानी मित्रता" पेंशन की तरह है जो
मरने के बाद भी चलती रह़ती है ।
सभी मित्रों को समर्पित !
और
"रिश्ते" एक टारगेट,
"वाईफ" डेली रिपोर्टिंग है
और
"औलाद" इन्सेन्टिव,
"जवानी" एक कमिटमेंट है
और
"बुढ़ापा" एचीवमेंट,
लेकिन... ...........................
"मित्रता" सेलरी है
और
"सेलरी" को कोई कभी नहीं भूलता,
जो वक्त के साथ साथ बढ़ती जाती है,
और
"पुरानी मित्रता" पेंशन की तरह है जो
मरने के बाद भी चलती रह़ती है ।
सभी मित्रों को समर्पित !
रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!!
रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों
दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!!
मैं भूला नहीं हूँ किसी को...
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ..
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ..
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है....
अच्छा भविष्य बनाने में।. . .
अच्छा भविष्य बनाने में।. . .
जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित.
जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित :-
एक लड़की को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया..
दूसरे दिन पिता ने लड़की से पुछा, बेटी iphone मिलने के बाद सबसे पहले तुमने क्या किया?
लड़की :- मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया...
पिता :- तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया क्या?
लड़की :- नहीं किसी ने नहीं।
पिता :- तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने iPhone निर्माता की बेइज्जती की हैं?
बेटी :- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड लगाने के लिये सलाह दी है...
पिता :- अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखने मे खराब दिखता होगा, तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है?
लड़की :- नहीं, बल्कि वो खराब ना हो इसीलिये कवर मंगवाया है..
पिता :- कवर लगाने से उसकी सुन्दरता में कमी आई क्या?
लड़की :- नहीं, इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone ज्यादा सुन्दर दिखता है..
पिता ने बेटी की ओर स्नेह से देखते कहा....
बेटी iPhone से भी ज्यादा कीमती और सुन्दर तुम्हारा शरीर है और इस घर की और हमारी इज्जत हो तुम,
उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और निखरेगी...
बेटी iPhone से भी ज्यादा कीमती और सुन्दर तुम्हारा शरीर है और इस घर की और हमारी इज्जत हो तुम,
उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और निखरेगी...
बेटी के पास पिता की इस बात का कोई जवाब नहीं था, सिर्फ आँखों में आँशुओं के अलावा ।
भारतीय संस्कृति, संस्कार ओर अस्मिता को बनाए रखे।।
कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!
मेरी बाकी उंगलियां
उस उंगली से जलती है,
उस उंगली से जलती है,
जिस उंगली को पकड़कर,
मेरी बेटी चलती है...!!!
मेरी बेटी चलती है...!!!
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"कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!
"'बेटी बचाओ, बेटी पढाओ..!'
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बेहतरीन शब्द.....
"जब मैंने जन्म लिया,वहां "एक नारी" थी जिसने मुझे थाम लिया......
|| मेरी माँ ||
बचपन में जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया "एक नारी" वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी.....
|| मेरी बहन ||
जब मैं स्कूल गया "एक नारी" ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की......
|| मेरी शिक्षिका ||
जब भी मै जीवन से निराश और हताश हुआ और जब भी हारा तब "एक नारी" ने मुझे संभाला ...
|| मेरी महिला मित्र ||
जब मुझे सहयोग,साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई तब "एक नारी" हमेशा मेरे साथ थी.....
|| मेरी पत्नी ||
जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब "एक नारी" ने मेरे व्यवहार को नरम कर दिया.....
||मेरी बेटी||
जब मैं मरूँगा तब भी "एक नारी" मुझे अपने गोद में समा लेगी.......
|| धरती माँ ||
यदि आप पुरुष हैं तो हर नारी का सम्मान करें.....और यदि आप महिला हैं, उन में से एक होने पर गर्व करे...
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क्या खूब लिखा है एक पिता ने…
हमें तो सुख मे साथी चाहिये
दुख मे तो…
हमारी "बेटी" अकेली ही काफी है…
हमें तो सुख मे साथी चाहिये
दुख मे तो…
हमारी "बेटी" अकेली ही काफी है…
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