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सम्मान आप का नहीं,आप के स्थान और स्थिति का करते हैं।

सांप घर पर दिखाई दे तो लोग डंडों से मारते हैं,
और शिव लिंग पर दिखाई दे तो दूध पिलाते हैं...
लोग सम्मान आप का नहीं,
आप के स्थान और स्थिति का करते हैं।




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"प्रतिभा सम्मान की मोहताज नहीँ होती
क्योकि हीरा यदि कीचड़ मेँ भी पड़ा हो तो वो हीरा ही कहलाएगा "

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दोस्तों, हम में से हर एक जीवन में सफल होना चाहता है | वैसे तो सफ़लता की कोई निश्चित परिभाषा नहीं होती , पर आम तौर पर अपने जीवन में निर्धारित किये गए लक्ष्यों की  प्राप्ति ही सफ़लता कहलाती है |
व्यावहारिक दृष्टि से देखा जाये तो पारिवारिक जीवन में शांति, रहने के लिए एक अच्छा घर, चलाने के लिए एक बढ़िया सी कार, परिवार के साथ व्यतीत करने के लिए पर्याप्त समय और खर्च करने के लिए पर्याप्त धन होने को ही सफ़लता समझा जाता है | शायद हम में से हर एक की यह इच्छा होती है |
ज्यादातर लोगों की यह समस्या होती है की सफल होने के लिए कौन सा रास्ता अपनाया जाये | क्या कोई अच्छी सी नौकरी करके सफल बना जाये या फिर कोई व्यापार किया जाये | ज़रूरी नहीं है की अगर एक रास्ते पर चलकर कोई व्यक्ति सफ़ल हुआ है तो दूसरा भी उस रास्ते पर चलकर सफ़ल ही होगा |
जहाँ टाटा और अम्बानी जैसे व्यक्ति उद्योगपति के रूप में सफल हुए हैं, वहीं सचिन तेंदुलकर एक क्रिकेटर के रूप में |
ऐसे हजारों उदाहरण हमारे सामने हैं जहाँ पर लोगों ने अलग – अलग क्षेत्रों में सफ़लता अर्जित की है | जहाँ लोगों ने अपने भीतर छुपी प्रतिभा को पहचाना और उसी क्षेत्र में आगे बढ़ते हुए सफ़लता को पाया |
आपने ये बात पहले भी सुनी होगी कि इन्सान तभी कामयाब होता है कि “जब वह वो काम करे जिससे वह प्यार करता है, या फिर जो भी काम वह करता है उससे प्यार करना सीख ले |”
सुनने में तो यह बात बहुत अच्छी लगती है दोस्तों, पर दिमाग खाली सा हो जाता है जब हम अपने भीतर छुपी हुई प्रतिभा को पहचानने की बात करते हैं |
अगर आपके साथ भी यही समस्या है तो आप सही लेख को पढ़ रहे हैं, आगे पढ़ते रहिये |
महान दार्शनिक सुकरात ने कहा है कि “जीवन का आनंद स्वयं को जानने में है” | स्वयं का निरिक्षण करना, अपनी प्रतिभा का पता लगाना और अपनी उस विशेष प्रतिभा का निरंतर विकास करना | वास्तव में यही हमारे जीवन का उद्देश्य होना चाहिये | यदि हम ऐसा कर लेते हैं, तभी सही मायने में हम सफ़ल हो पायेंगे |
आप अब तक सफ़ल हुए लोगों में से किसी का भी इतिहास उठा कर देख लीजिये | आप पायेंगे कि उनमें एक बात समान है, और वह यह है कि उन्होंने अपनी प्रतिभा को पहचाना और केवल उसी पर ध्यान दिया |
बहरहाल सफ़लता का सार केवल इसी बात में निहित है कि अपनी विशेष प्रतिभा का पता लगाना और उस के विकास पर पूरा ध्यान देना |
अब आप सोच रहे होंगे कि आपके अंदर ऐसी कौन सी विशेषता है जो आपको दूसरों से भिन्न करती है | क्या कोई ऐसी विशेषता है भी ? तो मैं आपसे कहूँगा कि दुनिया में हर इन्सान के अन्दर कोई न कोई प्रतिभा ज़रूर होती है |
हम में से ज्यादातर लोगों के लिए अपनी प्रतिभा को ढूंढ पाना एक कठिन काम होता है , या यूँ कहें कि शायद वे इस विषय पर ध्यान ही नहीं देते |
क्या है विशेष प्रतिभा या यूनिक टैलेंट ?
प्रकृति ने हम सभी को अलग अलग बनाया है | सभी एक दूसरे से भिन्न हैं और सभी के अन्दर एक विशेष गुण होता है | अपने अन्दर की विशेष योग्यता को समझने के लिए पहले ज़रूरी है कि हम यह जानें कि आखिर ये विशेष गुण या प्रतिभा क्या होती है | आईये, विशेष प्रतिभा के चारित्रिक गुणों को समझें |
  • कोई ऐसा कार्य जो आप दूसरों की अपेक्षा अधिक निपुणता से करते हैं, यानि की आपका टेलेंट |
  • कोई भी ऐसा काम जो आप पूरी लगन और मेहनत के साथ करते हैं |
  • जिसे करने में आप कभी थकते नहीं और इसका भरपूर आनंद उठाते हैं |
  • जो आपको और आपके आसपास के लोगों को उत्साहित करता हैं |
  • जिसे आप कुशलता, और अधिक कुशलता के साथ करना चाहते हैं और आपको उसमें सुधार की भरपूर संभावनाएं दिखाई देती हैं |
हम में से ज्यादातर लोग अपनी योग्यताओं और प्रतिभाओं का विकास करने की बजाय उन्हें दबाते हैं | याद कीजिये अपने बचपन के दिन, आप में से कुछ लोगों को संगीत बहुत पसंद था, कुछ को चित्रकारी, कुछ को क्रिकेट खेलना और शायद कुछ को अभिनय करना | ऐसा नहीं है की आपको सिर्फ ये पसंद ही था बल्कि कुछ ने तो इन क्षेत्रों में अवार्ड्स भी जीते | सभी लोग आपकी प्रशंसा करते थे और कहते थे की तुम बड़े होकर इस क्षेत्र में बड़ा नाम करोगे | पर शायद समय के साथ हमने उन प्रतिभाओं को दबा दिया |
कैसे पहचानें अपने अन्दर छिपी हुई विशेष प्रतिभा को ?
यदि आप अभी भी असमंजस की स्तिथि में हैं और अपनी प्रतिभा को नहीं पहचान पा रहे हैं, तो नीचे दी गयी प्रक्रिया को अपनाएं | यह आपको आपकी प्रतिभा पहचानने में मदद करेगी |
  • ऐसे दस लोगों की लिस्ट बनायें जो आपको सही सलाह दे सकें और जिनकी सलाह का आप सम्मान करते हों |
  • इन लोगों से पूछें की उन्हें आपके अन्दर कौन सी विशेष योग्यता दिखाई देती है |
  • आप अपनी उन आदतों की लिस्ट बनायें जो आप किसी भी काम को बेहतरीन तरीके से करने के लिए प्रयोग करते हैं |
 अब आप ऊपर दी गयी प्रक्रियाओं का अवलोकन करें |
 एक लिस्ट बनायें कि आपके अन्दर कौन कौन से गुण (टेलेंट) हैं और उन्हें करने के लिए आपको क्या प्रोत्साहित (पैशन) करता है |  मतलब कि आप कौन सा काम बेहतर तरीके से करते हैं और क्यों करते हैं ?
 आशा है कि उपरोक्त विधि से आप अपनी विशेष प्रतिभा को ढूँढने में अवश्य सफल हो जायेंगे |
 क्या है जो आपको आगे बढने से रोक रहा है ?
वास्तविकता में अपनी प्रतिभा का पता लगाना ही पर्याप्त नहीं है | क्या कारण है कि लोगों को अपनी विशेषता का पता होते हुए भी वे उसका विकास नहीं कर पाते ? इसके कुछ सामान्य कारण नीचे दिए गए हैं :-
  •  अगर आप अपने कैरियर में आगे बढ़ चुके हैं तो इस बात का भय कि आपको नये सिरे से शुरुआत करनी पड़ेगी |
  •   इस बात का भय कि क्या आप अपनी प्रतिभा वाले क्षेत्र में अपनी आजिविका कमा पायेंगे या नहीं ?
  •  क्या आप एक नए क्षेत्र में कैरियर शुरू करने के लिए निवेश करने को तैयार हैं ?
  •  इस बात का डर कि क्या मैं अपनी पसंद के क्षेत्र में कामयाब हो पाऊँगा |
  •  अगर मैं सफल नहीं हो पाया तो लोग क्या कहेंगे कि अपना अच्छा भला काम छोड़कर नये क्षेत्र में जाने की ज़रूरत ही क्या थी ?
  • अपने वर्तमान सहकर्मियों का साथ छूट जाने का भय |
 उपरोक्त कुछ ऐसे कारण हैं कि जिनके चलते, आपको यह पता होते हुए भी कि आप किस क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर सकते हैं, आप वह जोखिम उठाने को तैयार नहीं होते |
 दोस्तों, ज़िन्दगी सिर्फ एक बार ही मिलती है | अगर आप चाहते हैं कि उसे ख़ुशी से जिया जाये और जीवन का भरपूर आनंद उठाया जाये, तो फ़िर जो आपका पैशन है उसे अपना प्रोफेशन बनाईये | शुरुआती दौर में शायद कुछ दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है, पर यकीन मानिये कि अंततः आपका जीवन खुशिओं से भरा हुआ होगा |
आपके उज्जवल भविष्य के लिए हार्दिक शुभकामनाएँ |

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