मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो.


मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है!
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है...
जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो.


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दोस्त शब्दका अर्थ बड़ा ही
मस्त होता है..!!
"दोष" का जो "अस्त" करदे
वही दोस्त होता है.!!
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मित्रता ऐटले शु ?
"इश्वर जेमने लोही ना संबंध थी जोडवानु भुली गया होय,
ऐवा वयक्ती ने इश्वर  मित्रो बनावी ने भूल सुधारी लेता होय छे।।"


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सारुं  गीत  होय  तो ,
5- मिनिट  आनंद  मां  जाय ,
      सारी  फिल्म  होय तो ,
3- कलाक  आनंद  मां  जाय ,
     सारी  कोलेज  होय  तो ,
3- वर्ष  आनंद  मां  जाय,
……………परंतू……………
     तमारा  जेवा  मित्रों  नों
संगाथ  होय  तो  आखी 
    ज़िंदगी  आनंद  मां जाय ""''''''!!!!!!!!


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जिंदगी का खूबसूरत लम्हा कौनसा होता है...?
जब आपका परिवार आपको दोस्त समझने लगे,
और आपके दोस्त आपको अपना परिवार....


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मित्र सुख मे हो तो
आमंत्रण के
सिवा जाना नही                
मित्र मुसीबत मे हो तो
आमंत्रण का
इंतजार करना नहीं !!        




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एक पेन गलती कर सकता है लेकिन एक पेन्सिल गल्ती नही कर सकती।
क्योंकि उसके साथ दोस्त है,"रबर", जब तक एक सच्चा दोस्त आपके साथ हैं, वह आपकी जिंदगी की गलतियां मिटाकर आपको सम्पूर्ण बना देगा.


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"पहली नमस्ते परमात्मा को,
         जिन्होंने हमें बनाया है".
     "दूसरी नमस्ते माता पिता को,
                जिन्होंने हमें
       अपनी गोद में खिलाया है".
       "तीसरी नमस्ते गुरुओं को,
               जिन्होंने हमको
       वेद और ज्ञान सिखाया है".
"चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते
                  "आप को",
         "जिन्होंने हमें अपने साथ
       जुड़े रहने का मौका दिया  है"
 
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"जिन्दगी" एक प्रोजेक्ट है
और
"रिश्ते" एक टारगेट,
"वाईफ" डेली रिपोर्टिंग है
और
"औलाद" इन्सेन्टिव,
"जवानी" एक कमिटमेंट है
और
"बुढ़ापा" एचीवमेंट,
लेकिन... ...........................
"मित्रता" सेलरी है
और
"सेलरी" को कोई कभी नहीं भूलता,
जो वक्त के साथ साथ बढ़ती जाती है,
और
"पुरानी मित्रता" पेंशन की तरह है जो
मरने के बाद भी चलती रह़ती है ।
सभी मित्रों को समर्पित !