कड़वी गोलियाँ चबाई नही निगली जाती हैं।


"कड़वी गोलियाँ चबाई नही
निगली जाती हैं।"
उसी प्रकार जीवन में
अपमान , असफलता , धोखे जैसी कड़वी बातों को सीधे गटक जाऐं...
.
उन्हें चबाते रहेंगे...
यानि याद करते रहेंगे
तो जीवन कड़वा ही होगा।


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असफलता कोई अकस्मात घटी हुयी दुर्घटना नहीं है । कोई भी व्यक्ति रातों रात असफल नहीं होता, बल्कि असफलता हर दिन दोहराये जाने वाली त्रुटियों का सामुहिक मिश्रण है।

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ईश्वर "टूटी" हुई चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से करता है ..,,
जैसे ....
बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है ......
मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है....
फल के टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है .....
और बीज टूटने पर एक नये पौधे की संरचना होती है ....
इसीलिये जब आप ख़ुद को टूटा हुआ महसूस करे तो समझ लिजिये ईश्वर आपका इस्तेमाल किसी बड़ी उपयोगिता के लिये करना चाहता है ।
इसीलिए सदैव प्रसन्न रहें और हँसते रहें ।


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       कर्मों की आवाज़
      शब्दों से भी ऊँची होती है I
यह आवश्यक नहीं कि
       हर लड़ाई जीती ही जाए I
आवश्यक तो यह है कि
   हर हार से कुछ सीखा जाए II
                                       
     

दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सही होना चाहिए!

अँधे को मंदिर आया देख लोग हँसकर बोले
"मंदिर में दर्शन करने आये तो हो
पर क्या भगवान को देख पाओगें"??
अँधे ने कहाँ- "क्या फर्क पड़ता हैं,
मेरा भगवान तो मुझे देख लेगा"
दृष्टि नहीं दृष्टिकोण सही होना चाहिए!

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एक खरगोश रोज़ एक लोहार की दुकान पर जाता और पूछता
“गाजर है???”
,
लोहार इंकार कर देता।
एक दिन लोहार को बहुत गुस्सा आया और उसने पकड़कर खरगोश के दांत तोड़ दिए।
,
और कहा – अब तू “गाजर” खा के दिखा?
फिर ?
फिर क्या
अगले दिन खरगोश आया और पूछने लगा –
“गाजर का हलवा है???”
*इसे कहते हैं 
हकारात्मक वलण

दुनियां से बात करने के लिये फोन की जरूरत होती है ! और प्रभु से बात करने के लिये मौन की जरूरत होती है।


दुनियां से बात करने के लिये फोन की जरूरत होती है !
और प्रभु से बात करने के लिये मौन की जरूरत होती है।
फोन से बात करने पर बिल देना पड़ता है,
और ईश्वर से बात करने पर दिल देना पड़ता है।
"माया" को चाहने वाला, "बिखर" जाता है.
भगवान को चाहने वाला, "निखर" जाता है..
         क्यों भरोसा करते हो
                  गैरो पर....
          जबकि तुम्हें चलना है
              खुद के पैरो पर...


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सारा जहाँ उसी का है
      जो मुस्कुराना जानता है
रोशनी भी उसी की है
      जो शमा जलाना जानता है
हर जगह मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे है।
      लेकिन ईश्वर तो उसी का है
जो "सर"  झुकाना जानता है।


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तू इस कदर इन्सान को इतना बेबस ना बना मेरे खुदा…!!!
की तेरा बन्दा तुजसे पहले किसी और के आगे झुक जाये…..!!!



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जींदगी वन-डे मैच
की तरह है ।
जिस मे रन तो बढ़ रहे है ।
पर ओवर घट रहे हैं।
मतलब धन तो बढ़ रहा है ।
पर उम्र घट रही है ।
इसलिए हर दिन कुछ न कुछ पूण्य के
चौके छक्के  लगाये
ताकि ऊपर बेठा एम्पायर हमें
मोक्ष की ट्रॉफी दे ....



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आज कोनसे अच्छे कपडे पेहनू,
                जिस्से में आज अच्छा दिखूं,
             'ये हर रोज हम सोचते हे'
मगर आज कोनसा अच्छा विचार लेके  चलु,
     जिस्से में भगवान को अच्छा लगु,
          'ये हर रोज कोई नहीं सोचता'..




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अच्छे लोगो की भगवान परीक्षा लेता है पर साथ कभी नहीं छोड़ता....
और बुरे लोगो को भगवान बहुत कुछ देता है मगर साथ नही देता......


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आज कल जहाँ भी जाए वहाँ लिखा होता है.... 
"आप कैमरे की नज़र में है"
पढने के साथ ही व्यक्ति सतर्क हो जाता है,और यथासंभव ग़लत काम करने से परहेज़ करता है। जबकि ये इंसान द्वारा निर्मित उपकरण मात्र है।
     कितना मूर्ख है इंसान कि भूल जाता है कि हम हर समय भगवान की नज़र में हैं, और वहाँ की नज़र न ख़राब होती है, न बंद होती है, न किसी के नियंत्रण मे होती है, यानी बचने की कोई संभावना नहीं है
   ध्यान रहे आप भगवान की नज़र में है कैमरे की नही l



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एक मूर्ति बेचने वाले गरीब कलाकार के लिए...किसी ने क्या खूब लिखा है....
""गरीबो के बच्चे भी खाना खा सके त्योहारों में, तभी तो भगवान खुद बिक जाते है बाजारों में..!

जब गम आये तो वो भी कभी खा लेना दवाई समझ कर .

किसीने खुब सही कहा है ....
खुशीयॉ आये जिंदगी मै तो
      चख लेना मिठाई समझ कर ....
.
जब गम आये तो वो भी
    कभी खा लेना दवाई समझ कर ....

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आँसुओं से जिनकी आँखें नम नहीं, 
क्या समझते हो कि उन्हें कोई गम नहीं? 
तड़प कर रो दिए गर तुम तो क्या हुआ, 
गम छुपा कर हँसने वाले भी कम नहीं।


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  अभी कुछ दूरियां तो कुछ फांसले बाकी हैं,
पल-पल सिमटती शाम से कुछ रौशनी बाकी है,
हमें यकीन है कि कुछ ढूंढ़ता हुआ वो आयेगा ज़रूर
अभी वो हौंसले और वो उम्मीदें बाकी हैं।


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कदम कदम पे बहारों ने साथ छोड़ दिया,
पड़ा जब वक़्त तब अपनों ने साथ छोड़ दिया,
खायी थी कसम इन सितारों ने साथ देने की
सुबह होते देखा तो इन सितारों ने साथ छोड़ दिया।


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ऐ खुदा बुला ले अब तो अपने पास मुझे,
क्यों मुझसे तू और इम्तेहान लिए जाता है,
अब किसी को जरुरत नहीं है जहाँ में मेरी
ये इंसान यहाँ पर बेमतलब जिए जाता है.


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जीवन का हर पन्ना तो रंगीन नही होता,
हर रोने वाला तो गमगीन नही होता,
एक ही दिल को कोई कब तक तोड़ता रहेगा
अब कोई जोड़ता भी है तो यकीन नही होता।
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एक शख्स पास रह के समझा नहीं मुझे,
इस बात का मलाल है शिकवा नहीं मुझे,
मैं उस को बेवफाई का इलज़ाम कैसे दू
उसने तो दिल से ही चाहा नहीं मुझे !


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खामोश बैठें तो लोग कहते हैं
उदासी अच्छी नहीं,
ज़रा सा हँस लें तो
मुस्कुराने की वजह पूछ लेते हैं !


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अनजाने में यूँ ही हम दिल गँवा बैठे,
इस प्यार में कैसे धोखा खा बैठे,
उनसे क्या गिला करें.. भूल तो हमारी थी
जो बिना दिलवालों से ही दिल लगा बैठे।


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ना तो जी पाती हु और ना ही मौत आती
ए-ज़िन्दगी क्यों मुझे है इतना आज़माती
जलती हर शाम और सुबह भुझती हुयी है मेरी
इस जिस्म में अब रूह को बड़ी घुटन सी होती
ना तो कोई तमंन्ना मेरी ना ही कोई आरज़ू रही
अब दिखावे की हँसी मुझसे हँसी नहीं जाती
आ मौत बनके मेरे मेहबूब, तू ही लगा गले….
के बस अब और ज़िन्दगी मुझसे संभाली नहीं जाती


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इश्क़-ए-महफ़िल में हम भी एक साज़ सुनाने आये हैं,
आज उनकी यादों को दिल की दीवारों से मिटाने आये हैं,
खेलकर चले गए मेरे दिल की वफाओ से खिलौना समझकर
इसीलिए बेवफा उन्हें हम आज सरे आम कहने आये हैं..!!


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मेरी आँखों से बहते अश्क भी अब सूखने लगे हैं,
क्या बताये तुम्हे की किस कदर हम टूटने लगे हैं,
जिंदगी में जो वजह थी मेरे मुस्कुराने की,
आज वही वजह बनी हैं मेरे टूटकर बिखर जाने की

 

आवती काले ता. 28 फेब्रुआरी, 2016ना दिवसे योजानार रेवन्युं तलाटी परीक्षा आपवा जता तमाम विद्यार्थीओने शुभकामनाएँ।

आवती काले योजानार परीक्षा आपवा जता तमाम विद्यार्थीओने शुभकामनाएँ।

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परीक्षार्थियों माटे अगत्यनी सूचना:

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 परीक्षा माटेनो कोल लेटरनी 2 कोपी अचूक प्रिन्ट करी लेवी (कोल लेटर प्रिन्ट करवा लिंक क्लिक करो: 


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 कोल लेटर डाउनलोड कर्या बाद तेना पर पासपोर्ट साइझनो फोटो चोंटाडवो अनिवार्य छे.


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 विद्यार्थीओ पासे कोल लेटर सिवाय एक ओळख पुरावो (ID proof) होवु जरुरी छे.


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परीक्षामा जता पहेला पोतानी पासे 2 बोलपेन (ब्लू अथवा ब्लेक) जरुर राखवी.


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 परीक्षा खंडमां मोबाईल फोन लइ जवो नही.


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 परीक्षा आपवा माटेना समय थी 1 कलाक पहेला ज परीक्षा केन्द्र पर पहोंची जवु जेथी वर्ग खंड शोधवामां समय न बगडे.


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 उत्तरवही आपवामां आवे त्यारे उत्तरवहीने सारी रीते चेक करी लेवी, टूटेली अथवा नुकशान थयेली उत्तरवही जणाय तो तुरत ज सुपरवाईजरनो संपर्क करवो.


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परीक्षा खंडमां उत्तरवही आपवामां आवे त्यारे शांति थी तेमां मांगेली बधी ज विगतो भरवी, उत्तरवहीमां विगत भरवामां खोटी उतावल करवी नही.


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 प्रश्नपत्र हाथमां आवे त्यारे तेने शांति थी एक पछी एक प्रश्न जोवा तेमज जे प्रश्नोना जवाब 100% आवडता होय तेना जवाब उत्तरवहीमां आपवा.


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 तलाटी परीक्षामां जे प्रश्न न आवडता होय तेना माटे 'E - Not Attempted' ओप्शन टीक करवा माटे खोटी उतावळ करवी नही, शक्य छे के छेल्ली मिनिटोमां विचार करवाथी कदाच जवाब याद आवी जाय.


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 शक्य होय त्या सुधी गणितना प्रश्नोने छेल्ले ज टच करवा कारण के गणितना प्रश्नोमां गणतरी दरमियान वधु समय बगडी शके छे.

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 घणीवार जोवामां आव्यु छे के विद्यार्थीओने प्रश्ननो जवाब आवडतो होय तो पण खोटो जवाब टीक करी आवे छे आवी मुश्केली थी बचवा माटे प्रश्नने 2 वार शांति थी वांची त्यार बाद ज जवाब आपवो.

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 घणा किस्साओमां एवु पण बने छे के विद्यार्थी साचा जवाबने बदले उत्तरवहीमां अन्य सर्कल ने डार्क करी दे छे, तेथी आ बाबते पण विद्यार्थीओए ध्यान आपी अने खूबज ध्यानपूर्वक जवाबने सर्कल करवु जोइए.


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 विद्यार्थीओ एक वात ध्याने राखे के आ परीक्षामा नेगेटीव मार्कींग छे. मतलब के 1 प्रश्नना साचा जवाबनो 1 मार्क, खोटा जवाब माटे 0.25% नेगेटीव मार्क आपवामा आवशे, विद्यार्थीओने जे जवाब न आवडतो होय तेवा जवाब माटे 'E - Not Attempted' ओप्शन टिक करवु फरजियात छे (जे प्रश्नमां जवाब नही आप्यो होय तेमा पण 0.25% नेगेटीव मार्क्स आपवामां आवशे), दरेक प्रश्नोना जवाब आपवा फरजियात छे, E ओप्शन टिक कर्यु हशे तेवा जवाब माटे नेगेटीव मार्क्स लागू पडशे नही.

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 विद्यार्थी मित्रो खास याद राखे के नेगेटीव मार्कसना लीधे ज घणा बधा उमेदवारोनी पसंदगी थती होती नथी. तेथी आ बाबते आप सौ अचूक गंभीर रहेशो.


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समाज को जोड़ नहीं पायोगे

जिस तरह सिलाई मशीन
में धागा नहीं डालने पर
वो चलती तो है
पर कुछ सिलती नहीं...
इसी तरह
समाज  में कायँ नहीं करोगे
तो समाज चलेगा  ज़रूर
पर समाज को जोड़ नहीं पायोगे


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एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा  8 रोने लगा...
पूछा मुझे क्यों मारा..?
9 बोला...
मैं बड़ा हु इसीलए मारा..
सुनते ही 8 ने 7 को मारा
और 9 वाली बात दोहरा दी
7 ने 6 को..
6 ने 5 को..
5 ने 4 को..
4 ने 3 को..
3 ने 2 को..
2 ने 1 को..
अब 1 किसको मारे
1 के निचे तो 0 था !
1 ने उसे मारा नहीं
बल्कि प्यार से उठाया
और उसे अपनी बगल में
बैठा लिया
जैसे ही बैठाया...
उसकी ताक़त 10 हो गयी..!और 9 की हालत खराब हो गई.
जिन्दगीं में किसी का साथ ही काफी हैं,
कंधे  पर  किसी का  हाथ ही काफी हैं,
दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,
     

"अनमोल रिश्तों
का तो बस "एहसास" ही काफी है । 

यहाँ तो लोग नफरत भी करते हैँ मोहब्बत की तरह।

समझ मेँ नहीँ आता किसपे भरोसा करेँ
यहाँ तो लोग नफरत भी करते हैँ मोहब्बत की तरह  ।।



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नफरत एक बहुत बड़ा रोग है
इसलिए दुआ है,
जो भी मुझसे नफरत करते है
वो जल्द ही ठीक हो जाये



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उनकी नफरत पर भी लुटा हमने जिंदगी
सोचो अगर वो मोहब्बत करते तो हम क्या करते…
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हम से प्यार करो या नफरत
वो तुम्हारे इरादे की बात है…
प्यार करोंगे तो दिल में रहोगे
लेकिन
नफरत करोंगे तो दिमाग में..
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खुदा सलामत रखे उनको
जो हमसे नफरत करते है
प्यार ना सही
नफरत ही सही
कुछ तो है जो वो सिर्फ हमसे ही करते है…
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नफरतों के बाजार में जीने का अलग ही मजा है
वो लोग रुलाना नहीं छोड़ते और हम हंसाना नहीं छोड़ते

एक नफरत ही तो है जिसे दुनिया चंद लम्हों में जान लेती है,
वर्ना
मोहब्बत का यकीन दिलाने में तो जिंदगी बित जाती है….
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अगर कोई हमें बेपनाह मोहब्बत कर सकता है
तो
नफरत भी उतनी ही कर सकता है,
क्योंकि….
एक खुबसुरत शीशा जब कभी भी तुटता है
तो
वह एक खतरनाक हथियार बन जाता है…