पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि .."चार लोग क्या कहेंगे", और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *"राम नाम सत्य है"*

         *अंधे को मंदिर आया देखकर*
              *लोग हंसकर बोले की,*
       *मंदिर में दर्शन के लिए आये तो हो*
      *पर क्या भगवान् को देख पाओगे ?*
           *अंधे ने मुस्कुरा के कहा की,*
       *क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान्*
                  *तो मुझे देख लेगा.*
  *द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सही होना चाहिए !!*
______________________
*इंसानियत इन्सान को*
     *इंसान बना देती है ,*
*लगन हर मुश्किल को*
      *आसान बना देती है ।*
*लोग यूँ ही नहीं  जाते*
       *मंदिरों में पूजा करने*
*आस्था ही तो पत्थर को*
        *भगवान बना देती है ।*
______________________
*"कठोर किंतु सत्य"*
*1-* माचिस किसी दूसरी चीज
को जलाने से पहले खुद
को जलाती हैं..!
*गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..!
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले
खुद को बरबाद करता है...
*2-* आज का कठोर व कङवा सत्य !!
चार *रिश्तेदार* एक दिशा में
तब ही चलते हैं ,
जब पांचवा कंधे पर हो...
*3-* कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए
मगर,
नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार...
जिन्दगी में *बुरा समय* आ जाये
तो...
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर...
पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए...
*4-* रिश्तों की बगिया में एक *रिश्ता* नीम के पेड़ जैसा भी रखना,
जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर
तकलीफ में मरहम भी बनता है...
*5-* *परिवर्तन* से डरना और *संघर्ष* से कतराना,
मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है...
*6-* जीवन का सबसे बड़ा गुरु *वक्त* होता है,
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता...
*7-* बहुत ही सुन्दर वर्णन है-
*मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....*अभिमान मर जाएगा
*आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....*पत्थर दिल पिघल जाएगा
*दांतों को आराम देकर देखिए.........*स्वास्थ्य सुधर जाएगा
*जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए.....*क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा
*इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए......*खुशियों का संसार नज़र आएगा...
*8-* पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि .."चार लोग क्या कहेंगे",
और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *"राम नाम सत्य है"*
______________________
*कश्तिया उन्ही की डूबती है ..*
*जिनके ईमान डगमगाते हैं !!*
*जिनके दिल में नेकी होती है ..*
*उनके आगे मंजिले भी सर झुकाती है !!*
*इंसान अपना वो चेहरा तो*
     *खूब सजाता है जिस पर*
     *लोगों की नज़र होती है*
    *मगर आत्मा को सजाने की*
    *कोशिश कोई नही करता*
*जिस पर परमात्मा की नजर होती है।*
 
______________________
        *"जहाँ प्रयत्नों की उंचाई"*
           *"अधिक होती हैं"*
        *"वहाँ नसीबो को भी"*
           *"झुकना पड़ता हैं"*
               *  "*
           *परिवर्तन से डरना*
       *और संघर्ष से कतराना,*
        *मनुष्य की सबसे बड़ी*
               *कायरता है !*
      *जीवन का सबसे बड़ा गुरु*
               *वक्त होता है,*
     *क्योंकि जो वक्त सिखाता है*
     *वो कोई नहीं सीखा सकता !*
______________________
*"शब्द" मुफ्त में मिलते हैं।*
*लेकिन*
*उनके चयन पर "निर्भर" करता है, कि उनकी*
*"कीमत" "मिलेगी" या "चुकानी" पड़ेगी .....ll*
*सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती है।*
*अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते है।*
______________________
*मुस्कुराहट कहाँ से आती है ,*
*मुझे नहीं पता !*
*पर जहाँ भी होती है , वहाँ ,*
*ये दुनिया.....और भी..*
*खूबसूरत होने लगती है*
______________________
                                         
        _*जमीन अच्छी है*_    
               _*खाद अच्छा हो*_      
            _*परंतु 'पानी' अगर*_     
                  _*'खारा' हो तो*_    
             _*फूल खिलते नहीं ।*_  
        _*भाव अच्छे हो*_      
          _*कर्म भी अच्छे हो*_      
    _*मगर 'वाणी' खराब हो तो*_    
  _*सम्बन्ध' कभी टिकते नहीं।*_ 
    
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   _*मन ऐसा रखो कि*_
        _*किसी को बुरा न लगे।*_
_*दिल ऐसा रखो कि*_
       _*किसी को दुःखी न करें।*_
_*रिश्ता ऐसा रखो कि*_
       _*उसका अंत न हो*_
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_*कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है..*_
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दिल से सोचना हमने जीवन मे क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया


एक बार एक संत ने अपने दो
     भक्तों को बुलाया और कहा आप
     को यहाँ से पचास कोस जाना है।
एक भक्त को एक बोरी खाने के
     समान से भर कर दी और कहा जो
     लायक मिले उसे देते जाना
और एक को ख़ाली बोरी दी उससे
      कहा रास्ते मे जो उसे अच्छा मिले
      उसे बोरी मे भर कर ले जाए।
दोनो निकल पड़े जिसके कंधे पर
     समान था वो धीरे चल पा रहा था
ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से
      जा रहा था
थोड़ी दूर उसको एक सोने की ईंट
     मिली उसने उसे बोरी मे डाल
     लिया
थोड़ी दूर चला फिर ईंट मिली उसे
     भी उठा लिया
जैसे जैसे चलता गया उसे सोना
     मिलता गया और वो बोरी मे भरता
     हुआ चल रहा था
और बोरी का वज़न। बड़ता गया
      उसका चलना मुश्किल होता गया
     और साँस भी चढ़ने लग गई
एक एक क़दम मुश्किल होता
     गया ।
दूसरा भक्त जैसे जैसे चलता गया
     रास्ते मै जो भी मिलता उसको
     बोरी मे से खाने का कुछ समान
     देता गया धीरे धीरे बोरी का वज़न
     कम होता गया
और उसका चलना आसान होता
     गया।
जो बाँटता गया उसका मंज़िल
     तक पहुँचना आसान होता गया
जो ईकठा करता रहा वो रास्ते मे
     ही दम तोड़ गया
दिल से सोचना हमने जीवन मे
     क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया
     हम मंज़िल तक कैसे पहुँच पाएँगे।

जिन्दगी का कडवा सच...
आप को 60 साल की उम्र के बाद
     कोई यह नहीं पूछेंगा कि आप का
     बैंक बैलेन्स कितना है या आप के
     पास कितनी गाड़ियाँ हैं....?

दो ही प्रश्न पूछे जाएंगे ...
     1-आप का स्वास्थ्य कैसा है.....?
         और
     2-आप के बच्चे क्या करते हैं....?

*किसी और का भेजा हुआ यह मैसेज*
    आपको भी अच्छा लगे तो
         ओरो को भी भेजें

क्या पता किसी की कुछ सोच
     बदल जाये।

प्यार बाटते रहो यही विनती है।

आदतें सुधार लिया जाए तो स्वभाव अपने आप सुधर जाएगा.

एक कहावत है कि आदतें आपका स्वभाव बनाती हैं। सुधार लिया जाए तो स्वभाव अपने आप सुधर जाएगा। जैसे कि आपको आइसक्रीम, मिठाई, शराब, चाट-पकौड़ी खाना, पिक्चर देखना इनमें से या अन्य कोई आदत है तो जब भी जहां भी मौका मिलेगा आपका झुकाव तुरन्त उस तरफ जाएगा और आदत पूजा पाठ करने, मंदिर मस्जिद जाने, नमाज पढऩे, इबादत करने की बनी हुई है। बड़़ों को इज्जत देने, उनसे अच्छा व्यवहार करने की आदत है तो आपका स्वभाव हमेशा आपको प्रेरित करेगा। आदत बात-बात में अपशब्दों को बोलने की है तो मौका, परिस्थिति देखें बगैर आपके मुख से अनचाहे अपशब्द निकल ही जाएंगे। इसलिए बुजुर्ग कहते हैं कि हमें अच्छी आदतें डालनी चाहिए वे हमारा स्वभाव बन जाएंगी।
छोटे बच्चे को माता पहले किसी भी काम या व्यवहार की आदत डालती है। धीरे-धीरे वह आदत उसमें इतनी रच बस जाती है कि वह स्वभाव बन जाती है। बच्चे को बार-बार याद नहीं दिलाना पड़ता कि यह करो, यह मत करो। वह स्वभाव वश वही करेगा जो उसे करना चाहिए। नेताओं की आदत होती है आश्वासन देने की तो हर मौके पर आश्वासन ही देते रहते हैं कभी बेमौके भी। जैसे कि एक नेता को उद्घाटन की फीता काटने की आदत सी थी। एक बार दूल्हा-दुल्हन का आशीर्वाद देने उन्हें बुलाया गया। उनके पास कैंची हमेशा रहती थी सो उन्होंने आदत स्वभाव वश दूल्हा-दुल्हन के गठजोड़े के बंधन को कैंची से काट दिया। बाद में उनकी समझ में आया तो बहुत शर्मिंदा हुए। बगलें झांकने लगे। हमारी दिनचर्या आदतों से चलती है फिर स्वभाव बन जाती है। कभी-कभी हम वह काम यंत्रवत से करते हैं। जैसे हम कोई मशीन हों। तो आइए हम कुछ अच्छी आदतों के बारे में सोचें। जैसे बड़ों का सम्मान करना, व्यायाम, मधुरवाणी का प्रयोग, संतुलित भोजन, स्वच्छता, सत्य बोलना जब तक कि झूठ बोलना किसी के हित में या सार्वजनिक हित में न हो। ईमानदारी, जवाबदारी, सतर्कता, सेवा, परहित के काम आदि ऐसे काम हैं जिन्हें हम अपनी आदतों में शुमार कर लें तो स्वहित और परहित का काम होगा। थोड़ा सा सकारात्मक चिन्तन और उस पर चलने से सब हो जाता है। हम कुछ करते हैं अपनी इच्छा अनुसार या चाहते हैं कि ऐसा हो पर होता वही है जो मंजूरे खुदा होता है इसलिए कहा गया है कि इंसान चाहे तो क्या होता है, होता वही है जो मंजूरे खुदा होता है तो क्यों न अपनी इच्छाओं को ईश्वर पर छोड़ दें जो ठीक समझेंगे करेंगे और फिर हमें स्वीकार करना आना चाहिए। स्वीकार भाव से जीना इसे ही कहते हैं। हमारे चाहने और होने में हमेशा संघर्ष चलता है पर हम सिर्फ चाह सकते हैं फल भगवान के हाथ में है इसलिए कहा गया है इंसान को सिर्फ कर्म करना चाहिए वह भी सत्कर्म, फल भगवान के हाथ में छोड़ दो। वह देगा और जो देगा उचित ही देगा।
आज हमारे जीवन में इतनी विसंगतियां क्यों हैं? क्योंकि हम चाहते कुछ हैं बोलते कुछ हैं करते कुछ हैं कोई सामन्जस्य नहीं है तीनों में। यदि हम सही चाह रखें तो आगे सब ठीक होगा। पर हम अपनी इच्छाओं के घोड़ों को दौड़ाते रहते हैं बिना लक्ष्य के और जब वे पूरी नहीं होती तो निराश हो जाते हैं इसलिए मेरा सुझाव है कि सही सोच सही आदतें विकसित करें फिर यह हमारा स्वभाव हो जाएगा सही फल मिलेगा। यही मेरा संदेश है।
के.एल. बानी
वास्तुविद्

*अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है !*

शख्सियत अच्छी होगी !
तभी दुश्मन बनेगे ,
वरना बुरे की तरफ , देखता ही कौन हैं !!
पत्थर भी उसी पेड़ पर फेंके जाते हैं, जो फलों से लदा होता है ,
देखा है किसी को सूखे पेड पर पत्थर फेंकते हुए.

_______________________


*पहाड चढने वाला व्यक्ती झुककर चलता है और ऊतरने वाला कडक चलता है |*
*कोई अगर इंसान झुककर चल रहा है मतलब ऊँचाई पर जा रहा है इंसान अकड कर चल रहा है, मतलब नीचे जा रहा है 


_______________________



|रिश्ते और बर्फ के गोले 
एक समान ही होते हैं...
जिसे बनाना तो आसान होता है
लेकिन बनाए रखना
बहुत मुश्किल होता हैं
दोनो को बचाए रखने का
बस एक ही तरीका है...
...शीतलता बनाए रखिऐ.


_______________________

लोहा नरम होकर औजार बन जाता है,
सोना नरम होकर जेवर बन जाता है !
मिट्टी नरम होकर खेत बन जाती है, 
आटा नरम होता है तो रोटी बन जाती है !
ठीक इसी तरह अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है !
सदैव बेहतर की उम्मीद करे ! 



_______________________

किसी के सरल स्वभाव को  कमज़ोरी न समझो,
संसार में पानी से अधिक सरल कुछ भी नहीं,
मगर उसका तेज़ बहाव बड़ी से बड़ी चट्टान को चूर चूर कर डालता है।

_______________________

जहाँ तुम हो,
          वहाँ तुम्हें सब प्यार करें
जहाँ से तुम चले जाओ,
           वहाँ तुम्हें सब याद करें
जहाँ तुम पहुँचने वाले हो,
           वहाँ सब तुम्हारा इंतजार करे


_______________________

"भाग्य" के दरवाजे पर
सर पीटने से बेहतर है,
"कर्मो" का तूफ़ान पैदा करे
सारे दरवाजे खुल जायेंगे.!
परिस्थितिया जब विपरीत होती है,
तब "प्रभाव और पैसा" नहीं
"स्वभाव और सम्बंध" काम आते है ॥


_______________________

"स्वभाव" रखना है तो उस "दीपक" की तरह रखो. , जो "बादशाह" के महल में भी उतनी "रोशनी" देता है,
जितनी किसी "गरीब" की "झोपड़ी" में_।।

  
 _______________________


​​कोयल​ अपनी भाषा बोलती है,​
        ​इसलिये  ​आज़ाद​ रहती हैं.​
  ​किंतु  ​तोता​ दूसरे कि भाषा बोलता है,​
      ​इसलिए पिंजरे में जीवन भर​
                 ​​गुलाम​ रहता है.​
​अपनी ​भाषा,​​
        ​अपने ​विचार​ और​
               _​"अपने आप"​ पर विश्वास करें..!

*वह शब्द सही मायने मे परिवार है !!!*

जन्मदिन क्या है..??
.
.
ये सवाल BBC World के एक प्रोग्राम में विश्व के तमाम बड़े VVIP की उपस्थिति में पूछा गया था..
.
जिसका सबसे सुंदर जवाब डॉ अब्दुल कलाम जी ने दिया था.
.
उन्होंने कहा था कि...
*जन्म दिन आपकी जिंदगी का एक मात्र वो दिन होता है जिस दिन आपके रोने की आवाज पर आपकी मां मुस्कराई थी*
.
.
उसके बाद फिर ऐसा दिन कभी नहीं आता कि औलाद के रोने पर मां मुस्कराये.


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*एक रात मैं अपने कमरे में सो रहा था के अचानक मेरी आँख खुल गई ।सामने यमदूत को खड़ा देखा। मैंने पुछा यहाँ कैसे ?यमदूत ने कहा कि मैं तेरी माँ को लेने आया हुँ । मैं घबरा गया,दिल बैठ गया, आँखें नम हो गई । मैंने यमदूत से कहा, एक सौदा करते है, तुम माँ की जिदंगी बक्क्ष दो और मुझे ले चलो । यमदूत ने मुस्कुरा कर कहा मै लेने तो तुझे ही आया था पर तुझ से पहले ये सौदा तेरी माँ ने कर लिया*


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धरती  पर  प्यार  से  तीन  शब्दों    की  रचना  हुयी  है .......
1.   Boyfriend
2.   Girlfriend
3.   Family
किन्तु  एक  बात  ध्यान  देने             वाली  है  कि .....
Boyfriend   और
Girlfriend    इन  दो  शब्दों   के   
                  अन्तिम  तीन  अक्षर     से  बनता  है  "end" 
इसलिये  ये  सम्बन्ध  एक  दिन  ख़त्म   हो   जाते   हैं  परन्तु .....
तीसरा  शब्द  है  :
FAMILY  =  FAM  +  ILY     
जिसके  पहले  तीन  अक्षर  से     बनता  है :
Fam = Father  And  Mother 
आैर  अन्तिम  तीन  अक्षर  से :
ily  =  I  Love  You
अत:  जिस  शब्द   का   आरम्भ पिता  एंव  माता  से  और  अन्त   प्यार  के  साथ  हो,  वह   शब्द    सही  मायने  मे  परिवार  है !!!

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*परणित पुरुष ने वाँचवा अने वंचावालायक*

*किन किन रिश्तों में पुरुष का नाम पहले आता है*

किन किन रिश्तों में पुरुष का नाम पहले आता है
दादा.दादी
नाना.नानी
मामा.मामी
काका .काकी
भइया.भाभी
पती.पत्नी
लेकिन सिर्फ एक रिश्ता है ऐसा है
जिसमे पुरुष बाद में आता हैऔर वो है
माँ बाप का
माँ-बाप साक्षात भगवान का रूप होते है ,
क्योंकि भगवान के ही नामों मे
पहले स्त्री का नाम आता है ,
जैसे....
गौरी शंकर , लक्ष्मी नारायण ,सीता राम ,राधे कृष्ण...
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मा विशे सुवाक्यो.