और बड़ा उलझा भी।
बुद्धि से चलो तो बहुत उलझा,
भक्ति से चलो तो बड़ा सीधा।
विचार से चलो तो बहुत दूर ,
भाव से चलो तो बहुत पास।
नजरो से देखो तो बहुत दूर,
अंतर्मन से देखो तो बहुत पास।
बिल आया 8 लाख रुपया, बिल देखने के बाद बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए , यह देखकर डॉक्टर ने कहाँ रोइये मत में इसे कम कर देता हूँ।
हंसते हो तो आप ईश्वर
की "प्रार्थना" करते हो
को हँसाते हो तो
ईश्वर आप के लिए
"प्रार्थना" करते हे !
आपका दिन मंगलमय हो
वृद्ध होने का इन्तजार मत कीजिये
क्योंकि
बासी फूल तो मूर्ति
पर भी नहीं चढ़ाये जाते
जब मौसम खराब होता है तो ट्रैन (रेलगाड़ी) अपने निधारित समय से काफी देरी से चलती हैं ऐसे ही
जब हमारा मन काम,
क्रोध,
लोभ,
मोह,
अहंकार
जैसे विकारो से खराब रहता है तो
परमपिता परमात्मा के पास से
आने वाली शब्द रुपी ट्रैन में भी देरी होती है ।
इसीलिए हमें अपने मन का
मौसम साफ़ रखना
चाहिए ताकि हम सही समय
यानी जीते जी अपने परमपिता से मिल सकें ।
ईश्वर है कि नही..
"हम इन्सान है कि नहीं"..!!