प्रभु का रास्ता बड़ा सीधा है और बड़ा उलझा भी।

प्रभु का रास्ता बड़ा सीधा है
और बड़ा उलझा भी।
बुद्धि से चलो तो बहुत उलझा,
भक्ति से चलो तो बड़ा सीधा।
विचार से चलो तो बहुत दूर ,
भाव से चलो तो बहुत पास।
नजरो से देखो तो बहुत दूर,
अंतर्मन से देखो तो बहुत पास।


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*एक कहानी*
एक 80 वर्षीय बुजुर्ग के हृदय का ऑपरेशन हुआ ।
बिल आया 8 लाख रुपया, बिल देखने के बाद बुजुर्ग की आँखों में आंसू आ गए , यह देखकर डॉक्टर ने कहाँ रोइये मत में इसे कम कर देता हूँ।
बुजुर्ग ने कहा यह बिल तो बहुत कम है, अगर 10 लाख भी होता तो में देने में समर्थ हूँ। आँसू तो इस लिए आये कि जिस प्रभु ने 80 वर्ष तक इस दिल को सम्भाला, उसने कोई बिल नही भेजा आपने केवल तीन घण्टा सम्भाला, 8 लाख रूपये।
*वाह रे मेरे प्रभु ...आप कितना ध्यान रखते है हमारा।*



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कहते हैं, जब आप
हंसते हो तो आप ईश्वर
की "प्रार्थना" करते हो
और जब आप किसी
    को हँसाते हो तो
ईश्वर आप के लिए
"प्रार्थना" करते हे !
एक खूबसूरत मुस्कान के साथ
आपका दिन मंगलमय हो



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भक्ति पथ पर चलने के लिये
वृद्ध होने का इन्तजार मत कीजिये
क्योंकि
बासी फूल तो मूर्ति
पर भी नहीं चढ़ाये जाते



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जब मौसम खराब होता है तो ट्रैन (रेलगाड़ी) अपने निधारित समय से काफी देरी से चलती हैं ऐसे ही
जब हमारा मन काम,
क्रोध,
लोभ,
मोह,
अहंकार
जैसे विकारो से खराब रहता है तो
परमपिता परमात्मा के पास से
आने वाली शब्द रुपी ट्रैन में भी देरी होती है ।
इसीलिए हमें अपने मन का
मौसम साफ़ रखना
चाहिए ताकि हम सही समय
यानी जीते जी अपने परमपिता से मिल सकें ।



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हम हर बार आज़माते है कि
ईश्वर है कि नही..
पर..
उसने एक बार भी सबूत नहीं माँगा कि
"हम इन्सान है कि नहीं"..!!
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