* ज़िंदगी उसी को आज़माती है, जो हर मोड़ पर चलना जानता है....!!*



          *परिवार का महत्व* 



परिवार में - कायदा नही,

                 व्यवस्था होती है ।

परिवार में - सूचना नही,

                 समझ होती है ।

परिवार में - कानून नही,

               अनुशासन होता है।

परिवार में - भय नही,

                 भरोसा होता है ।

परिवार में - शोषण नही,

                 पोषण होता है ।

परिवार में - आग्रह नही ,

                 आदर होता है ।

परिवार में - सम्पर्क नही ,

                  सम्बंध होता है ।

परिवार में - अर्पण नही ,

                  समर्पण होता है 

इसलिये स्वयं को परिवार  से जोड़े रखे





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* ज़िंदगी उसी को आज़माती है*

*जो हर मोड़ पर चलना जानता है....!!*


*कुछ "पाकर" तो हर कोई मुस्कुराता है,*

*ज़िंदगी शायद उनकी  ही  होती है जो बहुत कुछ "खोकर" भी मुस्कुराना जानता है..*



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भगवानने आपको इतना जोरदार बनाया है की इस दुनिया का कोई भी व्यक्ति  ,कोइ भी शक्ति,कोइ भी परिस्थिति आपको दुखी,चिन्तित,अशान्त नहीं बना सकती ।आपके स्वजन जब आपकी निन्दा,आलोचना,अपमान,तिरस्कार,बदनामी,चुगली करते हैं,आपका शारीरिकी एवं आर्थिक नुकसान करते हैं तो आपको दुख होता है ।यह दुख आपके स्वजन नहीं देते है ।इस दुख का मुल कारण आपकी अपनी पाँच भूले है


पराधीनता


स्वजन में आसक्ति


सामान-सम्पत्ति में आपका मोह

'शरीर ' को  ' मै ' मान लेना


अपनें इस सत्य स्वरुप को भुल जाना कि  'मै" भगवान का अंश हूँ
          भगवान में आपका कमजोर विश्वास है ।श्री ठाकुरजी मे पूर्ण द्रढ  आश्रय रखना चाहिए ।वो जो भी करेंगे वह अपनें अच्छाईे के  लिए हीं होगा यही श्रद्धा होनी चाहिये ।
      अ.सौ रुपा बहुजी 🌱