लाख जमाने भर की
*डिग्रीयाँ* हो हमारे पास
*अपनों* की तकलीफ़
नहीं पढ़ पाये तो *अनपढ़* है हम
अकेले ही लड़नी होती है, जिंदगी की लड़ाई क्योंकि लोग सिर्फ तसल्ली देते है साथ नही।
“ सही शिक्षक” और “सही सड़क”
दोनों एक जैसे होते हैं
खुद जहाँ है वहीं पर रहते हैं
मगर दुसरो को उनकी
मंजिल तक पहुंचा हीं देते हैं!
सुपर सुविचार
*"क्षमा "उन फूलों के समान हैं जो कुचले जाने के बाद भी "खुशबू "देना बंद नहीं करते* ......
*हमेशा खुश*
*रहना चाहिए,*
*क्योंकि*
*परेशान होने से*
*कल की मुश्किल*
*दूर नहीं होती*
*बल्कि....*
*आज का सुकून*
*भी चला जाता*
*है !!*