व्यवहार मीठा ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती, बोल मीठे न हों तो कीमती मोबाईलो पर घन्टियां भी नहीं आती।

"कदम ऐसा चलो,
           कि निशान बन जाये।
काम ऐसा करो,
          कि पहचान बन जाये।
यहाँ जिन्दगी तो,
          सभी जी लेते हैं,
मगर जिन्दगी जीओ तो ऐसी,
कि सबके लिए मिसाल बन जाये"



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हमें पता है कि रंगोली दुसरे ही दिन मिटने वाली है,
फिर भी वो ज्यादा से ज्यादा आकर्षक हो, कलात्मक हो,
मनमोहक हो ये कोशिश रहती है.
जीवन भी कुछ रंगोली जैसा ही है,
हमें पता है जिंदगी एक दिन ख़त्म हो जाएगी, फिर भी उसे खुबसूरत बनाने की कोशिश करते रहना चाहिए...
पल पल.... हर पल..



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व्यवहार मीठा ना हों तो हिचकियाँ भी नहीं आती,
बोल मीठे न हों तो कीमती मोबाईलो पर घन्टियां भी नहीं आती।


घर बड़ा हो या छोटा, अग़र मिठास ना हो,
तो ईंसान तो क्या, चींटियां भी नजदीक नहीं आती।
     


जीवन का 'आरंभ' अपने रोने से होता हैं..,
और
जीवन का 'अंत' दूसरों के रोने से,
इस "आरंभ और अंत" के बीच का समय                                                      भरपूर हास्य भरा हो...
बस यही सच्चा जीवन है...!!!
     
      



                          हे प्रभु
           न किसी का फेंका हुआ मिले,
            न किसी से छीना हुआ मिले,
               मुझे बस मेरे नसीब मे
                  लिखा हुआ मिले,
                  ना मिले ये भी तो
                   कोई ग़म नही
             मुझे बस मेरी मेहनत का
                  किया हुआ मिले..
            
बिंदी 1 रुपये की आती है व ललाट पर लगायी जाती है।
पायल की कीमत हजारों में आती है पर पैरों में पहनी जाती है।
इन्सान आदरणीय अपने कर्म से होता है,
उसकी धन दौलत से नहीं।
एक फ़क़ीर शमशान में दो चिताओ की राख को बड़े ध्यान से देख रहा था।
किसी ने पूछा कि बाबा एसे क्यू देख रहे हो राख को ।
फ़क़ीर बोला कि ये एक अमीर की लाश की राख है जिसने ज़िंदगी भर काजू बादाम खाये
और ये एक ग़रीब की लाश है जिसे दो वक़्त की रोटी भी बडी मुश्किल से मयस्सर होती थी ,
मगर इन दोनों की राख एक सी ही है फिर किस चीज़ पर आदमी को घमंड  है वही देख रहा हूं।


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इतना मूल्यवान मनुष्य जीवनप्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?


छोटा सा जीवन है, लगभग 80 वर्ष।
उसमें से आधा =40 वर्ष तो रात को
बीत जाता है। उसका आधा=20 वर्ष
बचपन और बुढ़ापे मे बीत जाता है।
बचा 20 वर्ष। उसमें भी कभी योग,
कभी वियोग, कभी पढ़ाई,कभी परीक्षा,
नौकरी, व्यापार और अनेक चिन्ताएँ
व्यक्ति को घेरे रखती हैँ।अब बचा ही
कितना ? 8/10 वर्ष। उसमें भी हम
शान्ति से नहीं जी सकते ? यदि हम
थोड़ी सी सम्पत्ति के लिए झगड़ा करें,
और फिर भी सारी सम्पत्ति यहीं छोड़
जाएँ, तो इतना मूल्यवान मनुष्य जीवन
प्राप्त करने का क्या लाभ हुआ?
स्वयं विचार कीजिये :-
इतना कुछ होते हुए भी,
1- शब्दकोश में असंख्य शब्द होते हुए भी...
मौन होना सब से बेहतर है।
2- दुनिया में हजारों रंग होते हुए भी...
सफेद रंग सब से बेहतर है।
3- खाने के लिए दुनिया भर की चीजें होते हुए भी...
उपवास शरीर के लिए सबसे बेहतर है।
4-पर्यटन के लिए रमणीक स्थल होते हुए भी..
पेड़ के नीचे ध्यान लगाना सबसे बेहतर है।
5- देखने के लिए इतना कुछ होते हुए भी...
बंद आँखों से भीतर देखना सबसे बेहतर है।
6- सलाह देने वाले लोगों के होते हुए भी...
अपनी आत्मा की आवाज सुनना सबसे बेहतर है।
7- जीवन में हजारों प्रलोभन होते हुए भी...
सिद्धांतों पर जीना सबसे बेहतर है।
इंसान के अंदर जो समा जायें वो
             " स्वाभिमान "
                    और
जो इंसान के बाहर छलक जायें वो
             " अभिमान "
   अच्छा लगे तो सबको भेजें



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किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये,
कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नहीं लाता..!
डरिये वक़्त की मार से,
बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..!
अकल कितनी भी तेज ह़ो,
नसीब के बिना नही जीत सकती..
बीरबल अकलमंद होने के बावजूद,
कभी बादशाह नही बन सका...!!"
"ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो, ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो !
एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो तुम्हे चाहते हों दिल से!
रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते क्योकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर जीवन अमीर जरूर बना देते है  "
आपके पास मारुति हो या बीएमडब्ल्यू - सड़क वही रहेगी |
आप टाइटन पहने या रोलेक्स - समय वही रहेगा |
आपके पास मोबाइल एप्पल का हो या सेमसंग - आपको कॉल करने वाले लोग नहीं बदलेंगे |
आप इकॉनामी क्लास में सफर करें या बिज़नस में - आपका समय तो उतना ही लगेगा |
भव्य जीवन की लालसा रखने या जीने में कोई बुराई नहीं हैं, लेकिन सावधान रहे क्योंकि आवश्यकताएँ पूरी हो सकती है, तृष्णा नहीं |
एक सत्य ये भी है कि धनवानो का आधा धन तो ये जताने में चला जाता है की वे भी धनवान हैं |
कमाई छोटी या बड़ी हो सकती है....
पर रोटी की साईज़ लगभग  सब घर में एक जैसी ही होती है। 




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नदी में गिरने से किसी की
जान नहीं जाती...
जान तभी जाती है जबकि
तैरना नहीं आता...
परिस्थितियाँ कभी समस्या
नहीं बनती....
समस्या तभी बनती है जब
हमें परिस्थितियों से निपटना
नहीं आता ॥




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  ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो..
  ना ही तुम अपने कंधे पर सर रखकर रो सकते हो..
    एक दूसरे के लिये जीने का नाम ही जिंदगी है..
    इसीलिए वक़्त उन्हें  भी दो जो       आपको चाहते हैं दिल से..
    रिश्ते पैसों के मोहताज़ नहीं होते..
     क्योंकि कुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते
     परन्तु अमीर जरूर बना देते हैं.




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वोटसेप शु छे ?

सत्य की भूख सभी को होती है

सत्य की भूख सभी को होती है
लेकिन सत्य जब परोसा जाए तो
कम ही लोगों को इसका स्वाद पसंद आता है

फिल्मों के 10 एेसे संवाद ये आपको कहीं हिम्मत नहीं हारने देंगे और सफलता पाने का जज्बा हमेशा जगाए रखेंगे .

फिल्मों के 10 एेसे संवाद ये आपको कहीं हिम्मत नहीं हारने देंगे और सफलता पाने का जज्बा हमेशा जगाए रखेंगे .



1. 3 Idiots: काबिल हो जा मेरे बच्चे, कामयाबी तुम्हारे पीछे झक मार कर आएगी.

2. Dhoom 3: जो काम दुनिया को नामुमकिन लगे, वही मौका होता है करतब दिखाने का.


3. Badmaash Company: बड़े से बड़ा बिजनेस पैसे से नहीं, एक बड़े आइडिया से बड़ा होता है.


4. Yeh Jawaani Hai Deewani: मैं उठना चाहता हूं, दौड़ना चाहता हूं, गिरना भी चाहता हूं....बस रुकना नहीं चाहता .


5. Sarkar: नजदीकी फायदा देखने से पहले दूर का नुकसान सोचना चाहिए.


6. Namastey London: जब तक हार नहीं होती ना....तब तक आदमी जीता हुआ रहता है.


7. Chak De! India: वार करना है तो सामने वाले के गोल पर नहीं, सामने वाले के दिमाग पर करो..गोल खुद ब खुद हो जाएगा.


8. Mary Kom: कभी किसी को इतना भी मत डराओ कि डर ही खत्म हो जाए.


9. Jannat: जो हारता है, वही तो जीतने का मतलब जानता है.



10.Happy New Year: दुनिया में दो तरह के लोग होते हैं विनर और लूजर...लेकिन जिंदगी हर लूजर को एक मौका जरूर देती है जिसमें वह विनर बन सकता है.