*पाँवों में यदि जान हो तो,*
*मंजिल हम से दूर नहीं है।*
*आँखों में यदि पहचान हो तो,*
*इंसान हम से दूर नहीं है।*
*दिल में यदि स्थान हो तो,*
*अपने हम से दूर नहीं है।*
*भावना में यदि जान हो तो,*
*भगवान हम से दूर नहीं है।*
 
*"अपनी जिंदगी के* 
*किसी भी दिन को मत कोसना"*.
           *"क्योंकि;"* 
  *"अच्छा दिन खुशियाँ लाता है"*
      *"और बुरा दिन अनुभव;."*.
   *"एक सफल जिंदगी के लिए*     
          *दोनों जरूरी है*"
 
*आपकी सोच ही*
   *आपको बड़ा बनाती है...!!*
    *यदि हम गुलाब की तरह*
       *खिलना चाहते है तो*
   *काँटों के साथ तालमेल की*
        *कला सीखनी होगी*
*पहचान से मिला काम*
*बहुत कम समय के लिए टिकता है,*
*लेकिन काम से मिली पहचान*
*उम्र भर कायम रहती है*
*सब्र और सहनशीलता,*
*कोई कमजोरियां नहीं होती है!*
*ये तो अंदरुनी ताकत है,*
*जो सब में नहीं होती...।*
*अंदाज कुछ अलग हैं,*
        *मेरे सोचने का.!!!*
*सबको मंजिल का शोक हैं.!!*
     *और मुझे सही रास्तों का.!!!*
*लोग कहते हैं, पैसा रखो, बुरे वक्त में काम आयेगा...*
*हम कहते है अच्छे लोगों के साथ रहो, बुरा वक्त ही नहीं आयेगा.*
*"सफलता" की पोशाक*
       *कभी तैयार नहीं मिलती*
      *इसे बनाने के लिए*
     *"मेहनत" का हुनर चाहिए.!*
*"अच्छे" और "सच्चे" रिश्ते*
            *न तो "खरीदे" जा सकते हैं,*
        *न ही "उधार" लिऐ जा सकते हैं*
                     *इसलिए*
        *उन लोगों को जरूर "महत्व" दें*
         *जो "आपको" महत्व देते हैं...*
   
   
दर्द भी वही देते हैं जिन्हें हक़ दिया जाता हो..
वर्ना गैर तो धक्का लगने पर भी माफी माँग लेते हैं..
*प्रयत्न करने से कभी न चूकें..!*
           *हिम्मत नहीं तो प्रतिष्ठा नहीं,*
           *विरोधी नहीं तो प्रगति नहीं..!!*
 *जो पानी में भीगेगा*
*वो सिर्फ लिबास बदल सकता है*
*लेकिन जो पसीने में भीगता है वो*
*इतिहास बदल सकता है.*
*मुसीबत' और 'ख़ुशी' बिना किसी अपॉइंटमेंट के आ जाती है,*
*इसलिए अपने आप को इतना तैयार रखो कि मुसीबत के समय 'होश' और ख़ुशी के समय 'जोश' कायम रहे।*
सुपर सुविचार
 *मन में जो हैं*
  *साफ-साफ कह देना चाहिए*
       *क्योंकि सच बोलने से*
             *फैसलें होते हैं*
  *और झूठ बोलने से फासलें.* 
        
*"जिंदगी मे दो मित्र जरूर होने चहिये"*
*"एक कृष्ण जो ना लड़े फिर भी "*
   *"जीत पक्की कर दे ....*
*"और दुसरा कर्ण जो हार सामने हो"*
         *"फिर भी साथ  ना छोड़े.....*
        
*इंसान' की सोच भी 'अज़ीब' है 'कामयाबी' मिले तो अपनी 'अक्ल' पर खुश होता है...*
*और जब 'मुसीबत' आये तो अपने 'नसीब' को दोष देता है...*