"गुस्से में जो छोड़ जाये वो वापस आ सकता है, मुस्कुराकर छोड़कर जाने वाला कभी वापस नही आता.


*"गुस्से में जो छोड़ जाये वो वापस आ सकता है,*
*मुस्कुराकर छोड़कर जाने वाला कभी वापस नही आता.*

*"जरूर कोई तो लिखता होगा...*
*कागज और पत्थर का भी नसीब...*
*वरना ये मुमकिन नहीं की...*
*कोई पत्थर ठोकर खाये और कोई पत्थर भगवान बन जाये...*
*और...*

*कोई कागज रद्दी  और कोई कागज गीता बन जाये"...!*