मैं रूठा , तुम भी रूठ गए , फिर मनाएगा कौन ?


मैं रूठा ,
      तुम भी रूठ गए
                      फिर मनाएगा कौन ?

आज दरार है ,
           कल खाई होगी 
                           फिर भरेगा कौन ?

मैं चुप ,
     तुम भी चुप 
          इस चुप्पी को फिर तोडे़गा कौन ?

बात छोटी को लगा लोगे दिल से , 
                 तो रिश्ता फिर निभाएगा कौन ?

दुखी मैं भी और  तुम भी बिछड़कर , 
                   सोचो हाथ फिर बढ़ाएगा कौन ?

न मैं राजी ,
       न तुम राजी , 
             फिर माफ़ करने का बड़प्पन
                                       दिखाएगा कौन ?

डूब जाएगा यादों में दिल कभी , 
                        तो फिर धैर्य बंधायेगा कौन ?

एक अहम् मेरे ,
       एक तेरे भीतर भी , 
               इस अहम् को फिर हराएगा कौन ?

ज़िंदगी किसको मिली है सदा के लिए ?
              फिर इन लम्हों में अकेला
                                     रह जाएगा कौन ?

मूंद ली दोनों में से गर किसी दिन
           एक ने आँखें....
                तो कल इस बात पर फिर
                                      पछतायेगा कौन ?

*21 जून अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सामान्य योग अभ्यासक्रम*

*21 जून   अंतरराष्ट्रीय योग दिवस सामान्य योग अभ्यासक्रम*

               *प्रथम चरण*
A) प्रार्थना --- ॐसंगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसीजानताम् !
देवा भागं यथा पूर्वे सञ्जानाना उपासते !!  2 मिनट
                *दूसरा चरण*
B) शिथिलीकरण अभ्यास/चालन क्रियाएं
1] ग्रीवा चालन खडे होकर सिर को धीरे धीरे आगे और पिछें करना प्राणायाम युक्त  1मिनट.
2]ग्रीवा चालन दाई एवं बाई ओर गर्दन झुकाना है .1मिनट.
3] ग्रीवा चालन दाएं एवं बाएं ओर गर्दन घुमाना है. 1मिनट.
4] ग्रीवा चालन गर्दन को पुरा गोलाकार घुमाना है. 1मिनट.
5] स्कंध संचालन दोनों बगल से हातों को ऊपर उठाएं और निचें लें जाएं .1मिनट.
6]स्कंध चक्र एवंम स्कंध चालन दोनों कोहनियों को पुरी तरह चक्राकार घुमाएं .1मिनट.
7] कटि चालन / कटिशक्ति विकासक कटिचक्रासन का तिसरा अभ्यास  है.1मिनट .
8]घुटना संचालन / खुर्चिसन के जैसा करना है. 1मिनट .
                *तीसरा चरण*
C) खडे होकर किए जाने वाले आसन .
1] ताडासन ( उर्धव ताडासन स्थिति) 2मिनट.
2] वृक्षासन ( वृक्ष की स्थिति) 2मिनट .
3] पादहस्तासन 2 मिनट.
4] अर्धचक्रासन हाँत कमरपें. 2 मिनट.
5] त्रिकोणासन.कोनासन जैसां.2 मिनट.
                *चौथा चरण*
D) बैठकर काए जानेवाले आसन.
1] भद्रासन तितली के जैसे बैठी हुई स्थिति में स्थिर होना है.2 मिनट.
2] वज्रासन / वीरासन 2 मिनट.
3] अर्ध उष्ट्रासन हाथों कमर पर रखें . 2 मिनट.
4] उष्ट्रासन ऊंट जैसी स्थिति.2 मिनट.
5] शशांकासन खरगोश जैसी स्थिति .2 मिनट.
6] उत्तानमंडुकासन उर्धव दिशा में मेढक जैसा स्थिर होना.कोहनियों के सहारे सिर को थामा जाता है. 2 मिनट.
7] वक्रासन/मरीच्यासन. वक्रासन का तिसरा अभ्यास है.2 मिनट.
                *पाँचवा चरण*
E) उदर के बल लेटकर किए जाने वाले आसन.
1] मकरासन. सुप्तमकरासन के जैसा शिथिल हो जाना है.1 मिनट.
2] भुजंगासन.सरल याँ अर्धहस्त  कि स्थिति है. 1मिनट.
3] सलभासन .द्वीपाद का अभ्यास है. 1 मिनट.
               *छँटवा चरण*
F) पीठ के बल लेटकर  किए जाने वाले आसन.
1] सेतुबंधासन/ स्कधंरासन का स्थिति है. 2 मिनट .
2] उत्तानपादासन 30%.2 मिनट.
3] अर्धहलासन30%60%90%.2 मिनट.
4] पवनमुक्तासन---2मिनट .
                *साँतवा चरण*
G) शवासन --नैसर्गिक स्वास--प्रस्वास प्रक्रिया पर ध्यान केंद्रित करना है. 3 मिनट तक.
              *आँठवा चरण*
H) प्राणायाम
1] कपालाभाति  2 मिनट .
2] अनुलोम विलोम नाडी शोधन           प्राणायाम  2 मिनट.
3] शीतली प्राणायाम .जीभा से साँस भरना है. 2 मिनट.
4] भ्रामरी प्राणायाम . 2 मिनट.
5] ध्यान --ध्यान लगातार चिंतन--मनन की प्रणव क्रिया है. 2 मिनट.
               *नवां चरण*
I) संकल्प--योग सत्र का समापन इस संकल्प के साथ करना है.
हमें अपने मन को हमेशा संतुलित रखना है.
इसमें ही हमारा आत्मविकास समाया है,
मैं खुद के प्रति कुटुंब के प्रति काम समाज और विस्व के प्रति शांति--आनंद और स्वास्थ्य के प्रचार के लिए बद्ध हूं !!
               *दसवाँ चरण*
J) शांति पाठ ---ॐसर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः !
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु , मा कश्चिददुःखभाग्भवेत् !!
ॐशान्तिः शान्तिः शांतिः।

एक बार समय निकालकर सोचें, शायद पुराना समय याद आ जाए, आंखें भर आएं और *आज को जी भर जीने का मकसद मिल जाए*।

*कुछ रह तो नहीं गया ?*

3 महीने के बच्चे को दाई के पास रखकर जॉब पर जाने वाली माँ को दाई ने पूछा... "कुछ रह तो नहीं गया...?
पर्स, चाबी सब ले लिया ना...?"

अब वो कैसे हाँ कहे..?
पैसे के पीछे भागते भागते... सब कुछ पाने की ख्वाईश में वो जिसके लिये सब कुछ कर रही है,
*वह ही रह गया है..*

शादी में दुल्हन को बिदा करते ही शादी का हॉल खाली करते हुए दुल्हन की बुआ ने पूछा... "भैया, कुछ रह तो नहीं गया ना..?
चेक करो ठीक से ।"
.. बाप चेक करने गया तो दुल्हन के रूम में कुछ फूल सूखे पड़े थे।
सब कुछ तो पीछे रह गया...
25 साल जो नाम लेकर जिसको आवाज देता था लाड़ से...
वो नाम पीछे रह गया और उस नाम के आगे गर्व से जो नाम लगाता था, वो नाम भी पीछे रह गया अब...

"भैया, देखा ?
कुछ पीछे तो नहीं रह गया ?"
बुआ के इस सवाल पर आँखों में आये आंसू छुपाते बाप जुबाँ से तो नहीं बोला....
पर दिल में एक ही आवाज थी...

*सब कुछ तो यही रह गया...*

बडी तमन्नाओं के साथ बेटे को पढ़ाई के लिए विदेश भेजा था और वह पढ़कर वहीं सैटल हो गया....
पौत्र जन्म पर बमुश्किल 3 माह का वीजा मिला था और चलते वक्त बेटे ने प्रश्न किया "सब कुछ चेक कर लिया? कुछ रह तो नहीं गया...?"
क्या जबाब देते कि
*अब छूटने को बचा ही क्या है...*

60 वर्ष पूर्ण कर सेवानिवृत्ति की शाम पी.ए. ने याद दिलाया "चेक कर लें सर। कुछ रह तो नहीं गया...? "
थोड़ा रूका और सोचा कि पूरी जिन्दगी तो यहीं आने-जाने में बीत गई,
*अब और क्या रह गया होगा...?*

*"कुछ रह तो नहीं गया ?*

श्मशान से लौटते वक्त बेटे ने
एक बार फिर से गर्दन घुमाई
एक बार पीछे देखने के लिए..
पिता की चिता की सुलगती आग देखकर मन भर आया।
भागते हुए गया, पिता के चेहरे की झलक तलाशने की असफल कोशिश की और वापिस लौट आया।

दोस्त ने पूछा... "कुछ रह गया था क्या...?"

भरी आँखों से बोला...
*नहीं कुछ भी नहीं रहा अब...*
*और जो कुछ भी रह गया है वह सदा मेरे साथ रहेगा*।।

एक बार समय निकालकर सोचें, शायद पुराना समय याद आ जाए, आंखें भर आएं और *आज को जी भर जीने का मकसद मिल जाए*।

........मैं अपने सभी दोस्तों से ये ही बोलना चाहता हूँ,

*यारों क्या पता कब*
*इस जीवन की शाम हो जाये..*

इससे पहले ऐसा हो सब को गले लगा लो, दो प्यार भरी बातें कर लो..

*ताकि कुछ छूट न जाये..*