*हर पतंग जानती है,*
*अंत में कचरे मे जाना है,*
*लेकिन उसके पहले हमे,*
*आसमान छूकर दिखाना है ।*
*" बस ज़िंदगी भी यही चाहती है "*
*अंत में कचरे मे जाना है,*
*लेकिन उसके पहले हमे,*
*आसमान छूकर दिखाना है ।*
*" बस ज़िंदगी भी यही चाहती है "*
*इंसान कभी गलत नहीं होता,*
*उसका वक़्त गलत होता है*
*उसका वक़्त गलत होता है*
*मगर लोग इंसान को गलत कहते है*
*जैसे के.....*
*पतंग कभी नहीं कटती,*
*जैसे के.....*
*पतंग कभी नहीं कटती,*
*कटता तो सिर्फ धागा है*
*फिर भी लोग कहेते हे पतंग कट गयी"..!*
*फिर भी लोग कहेते हे पतंग कट गयी"..!*
उत्तरायण का सूर्य आपके स्वप्नों को नयी ऊर्जा प्रदान करे, आपके यश एवं कीर्ति में उत्तरोत्तर वृद्धि हो, आप परिजनों सहित स्वस्थ रहें, दीर्घायु हों, यही कामना है।
मकर संक्रान्ति के पावन पर्व पर हार्दिक शुभ कामनएं
सुपर सुविचार
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काट ना सके कभी कोई पतंग आपकी,
टूटे ना कभी डोर विश्वास की,
छू लो आप ज़िन्दगी की सारी कामयाबी,
जैसे पतंग छूती है ऊंचाइयां आसमान की.
मकर संक्राति की हार्दिक शुभकामनाएं!!
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