*साधु किसे कहते हैं ? एक बार जरूर पढे*

*साधु किसे कहते हैं ?*

*तरुण सागर जी महाराज*
             *------*

*    जिसके पैरों में जूता नहीं
      सिर पर छाता नहीं
      बैंक  में खाता नहीं
      परिवार से नाता नहीं
      *उसे कहते हैं  साधु ।*

*     जिसके तन पे कपड़ा नहीं
       वचन में लफड़ा नहीं
       मन में झगड़ा नहीं
       *उसे कहते हैं साधु ।*

*      जिसका कोई घर नहीं
        किसी बात का डर नहीं
        दुनिया का असर नहीं
        *उसे कहते हैं  साधु ।*

*      जिसके पास बीवी नहीं
        साथ टीवी नहीं
        अमीरी-ग़रीबी नहीं
        नाश्ते में जलेबी नहीं
        *उसे कहते हैं साधु ।*

*       जो कच्चा पानी छूता नहीं
         बिस्तर पर सोता नहीं
         होटल में खाता नहीं
         *उसे कहते हैं साधु ।*

*        जिसे नाई की ज़रूरत नहीं
          जिसे तेली की ज़रूरत नहीं
          जिसे सुनार  की ज़रूरत नहीं
          जिसे लुहार  की ज़रूरत नहीं
          जिसे दर्ज़ी  की ज़रूरत नहीं
          जिसे व्यापार  की ज़रूरत नहीं
          जिसे  धोबी की ज़रूरत नहीं
          फिर भी सबको है धोता
          *उसे कहते है  साधु ।*

*साधु किसे कहते हैं ?  एक बार जरूर पढे*

पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि .."चार लोग क्या कहेंगे", और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *"राम नाम सत्य है"*

         *अंधे को मंदिर आया देखकर*
              *लोग हंसकर बोले की,*
       *मंदिर में दर्शन के लिए आये तो हो*
      *पर क्या भगवान् को देख पाओगे ?*
           *अंधे ने मुस्कुरा के कहा की,*
       *क्या फर्क पड़ता है, मेरा भगवान्*
                  *तो मुझे देख लेगा.*
  *द्रष्टि नहीं द्रष्टिकोण सही होना चाहिए !!*
______________________
*इंसानियत इन्सान को*
     *इंसान बना देती है ,*
*लगन हर मुश्किल को*
      *आसान बना देती है ।*
*लोग यूँ ही नहीं  जाते*
       *मंदिरों में पूजा करने*
*आस्था ही तो पत्थर को*
        *भगवान बना देती है ।*
______________________
*"कठोर किंतु सत्य"*
*1-* माचिस किसी दूसरी चीज
को जलाने से पहले खुद
को जलाती हैं..!
*गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..!
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले
खुद को बरबाद करता है...
*2-* आज का कठोर व कङवा सत्य !!
चार *रिश्तेदार* एक दिशा में
तब ही चलते हैं ,
जब पांचवा कंधे पर हो...
*3-* कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए
मगर,
नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार...
जिन्दगी में *बुरा समय* आ जाये
तो...
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर...
पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए...
*4-* रिश्तों की बगिया में एक *रिश्ता* नीम के पेड़ जैसा भी रखना,
जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर
तकलीफ में मरहम भी बनता है...
*5-* *परिवर्तन* से डरना और *संघर्ष* से कतराना,
मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है...
*6-* जीवन का सबसे बड़ा गुरु *वक्त* होता है,
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता...
*7-* बहुत ही सुन्दर वर्णन है-
*मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए....*अभिमान मर जाएगा
*आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए.....*पत्थर दिल पिघल जाएगा
*दांतों को आराम देकर देखिए.........*स्वास्थ्य सुधर जाएगा
*जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए.....*क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा
*इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए......*खुशियों का संसार नज़र आएगा...
*8-* पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि .."चार लोग क्या कहेंगे",
और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *"राम नाम सत्य है"*
______________________
*कश्तिया उन्ही की डूबती है ..*
*जिनके ईमान डगमगाते हैं !!*
*जिनके दिल में नेकी होती है ..*
*उनके आगे मंजिले भी सर झुकाती है !!*
*इंसान अपना वो चेहरा तो*
     *खूब सजाता है जिस पर*
     *लोगों की नज़र होती है*
    *मगर आत्मा को सजाने की*
    *कोशिश कोई नही करता*
*जिस पर परमात्मा की नजर होती है।*
 
______________________
        *"जहाँ प्रयत्नों की उंचाई"*
           *"अधिक होती हैं"*
        *"वहाँ नसीबो को भी"*
           *"झुकना पड़ता हैं"*
               *  "*
           *परिवर्तन से डरना*
       *और संघर्ष से कतराना,*
        *मनुष्य की सबसे बड़ी*
               *कायरता है !*
      *जीवन का सबसे बड़ा गुरु*
               *वक्त होता है,*
     *क्योंकि जो वक्त सिखाता है*
     *वो कोई नहीं सीखा सकता !*
______________________
*"शब्द" मुफ्त में मिलते हैं।*
*लेकिन*
*उनके चयन पर "निर्भर" करता है, कि उनकी*
*"कीमत" "मिलेगी" या "चुकानी" पड़ेगी .....ll*
*सफलता हमेशा अच्छे विचारों से आती है।*
*अच्छे विचार अच्छे लोगों के सम्पर्क से आते है।*
______________________
*मुस्कुराहट कहाँ से आती है ,*
*मुझे नहीं पता !*
*पर जहाँ भी होती है , वहाँ ,*
*ये दुनिया.....और भी..*
*खूबसूरत होने लगती है*
______________________
                                         
        _*जमीन अच्छी है*_    
               _*खाद अच्छा हो*_      
            _*परंतु 'पानी' अगर*_     
                  _*'खारा' हो तो*_    
             _*फूल खिलते नहीं ।*_  
        _*भाव अच्छे हो*_      
          _*कर्म भी अच्छे हो*_      
    _*मगर 'वाणी' खराब हो तो*_    
  _*सम्बन्ध' कभी टिकते नहीं।*_ 
    
______________________
   _*मन ऐसा रखो कि*_
        _*किसी को बुरा न लगे।*_
_*दिल ऐसा रखो कि*_
       _*किसी को दुःखी न करें।*_
_*रिश्ता ऐसा रखो कि*_
       _*उसका अंत न हो*_
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_*कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता.. हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है..*_
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दिल से सोचना हमने जीवन मे क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया


एक बार एक संत ने अपने दो
     भक्तों को बुलाया और कहा आप
     को यहाँ से पचास कोस जाना है।
एक भक्त को एक बोरी खाने के
     समान से भर कर दी और कहा जो
     लायक मिले उसे देते जाना
और एक को ख़ाली बोरी दी उससे
      कहा रास्ते मे जो उसे अच्छा मिले
      उसे बोरी मे भर कर ले जाए।
दोनो निकल पड़े जिसके कंधे पर
     समान था वो धीरे चल पा रहा था
ख़ाली बोरी वाला भक्त आराम से
      जा रहा था
थोड़ी दूर उसको एक सोने की ईंट
     मिली उसने उसे बोरी मे डाल
     लिया
थोड़ी दूर चला फिर ईंट मिली उसे
     भी उठा लिया
जैसे जैसे चलता गया उसे सोना
     मिलता गया और वो बोरी मे भरता
     हुआ चल रहा था
और बोरी का वज़न। बड़ता गया
      उसका चलना मुश्किल होता गया
     और साँस भी चढ़ने लग गई
एक एक क़दम मुश्किल होता
     गया ।
दूसरा भक्त जैसे जैसे चलता गया
     रास्ते मै जो भी मिलता उसको
     बोरी मे से खाने का कुछ समान
     देता गया धीरे धीरे बोरी का वज़न
     कम होता गया
और उसका चलना आसान होता
     गया।
जो बाँटता गया उसका मंज़िल
     तक पहुँचना आसान होता गया
जो ईकठा करता रहा वो रास्ते मे
     ही दम तोड़ गया
दिल से सोचना हमने जीवन मे
     क्या बाँटा और क्या इकट्ठा किया
     हम मंज़िल तक कैसे पहुँच पाएँगे।

जिन्दगी का कडवा सच...
आप को 60 साल की उम्र के बाद
     कोई यह नहीं पूछेंगा कि आप का
     बैंक बैलेन्स कितना है या आप के
     पास कितनी गाड़ियाँ हैं....?

दो ही प्रश्न पूछे जाएंगे ...
     1-आप का स्वास्थ्य कैसा है.....?
         और
     2-आप के बच्चे क्या करते हैं....?

*किसी और का भेजा हुआ यह मैसेज*
    आपको भी अच्छा लगे तो
         ओरो को भी भेजें

क्या पता किसी की कुछ सोच
     बदल जाये।

प्यार बाटते रहो यही विनती है।

आदतें सुधार लिया जाए तो स्वभाव अपने आप सुधर जाएगा.

एक कहावत है कि आदतें आपका स्वभाव बनाती हैं। सुधार लिया जाए तो स्वभाव अपने आप सुधर जाएगा। जैसे कि आपको आइसक्रीम, मिठाई, शराब, चाट-पकौड़ी खाना, पिक्चर देखना इनमें से या अन्य कोई आदत है तो जब भी जहां भी मौका मिलेगा आपका झुकाव तुरन्त उस तरफ जाएगा और आदत पूजा पाठ करने, मंदिर मस्जिद जाने, नमाज पढऩे, इबादत करने की बनी हुई है। बड़़ों को इज्जत देने, उनसे अच्छा व्यवहार करने की आदत है तो आपका स्वभाव हमेशा आपको प्रेरित करेगा। आदत बात-बात में अपशब्दों को बोलने की है तो मौका, परिस्थिति देखें बगैर आपके मुख से अनचाहे अपशब्द निकल ही जाएंगे। इसलिए बुजुर्ग कहते हैं कि हमें अच्छी आदतें डालनी चाहिए वे हमारा स्वभाव बन जाएंगी।
छोटे बच्चे को माता पहले किसी भी काम या व्यवहार की आदत डालती है। धीरे-धीरे वह आदत उसमें इतनी रच बस जाती है कि वह स्वभाव बन जाती है। बच्चे को बार-बार याद नहीं दिलाना पड़ता कि यह करो, यह मत करो। वह स्वभाव वश वही करेगा जो उसे करना चाहिए। नेताओं की आदत होती है आश्वासन देने की तो हर मौके पर आश्वासन ही देते रहते हैं कभी बेमौके भी। जैसे कि एक नेता को उद्घाटन की फीता काटने की आदत सी थी। एक बार दूल्हा-दुल्हन का आशीर्वाद देने उन्हें बुलाया गया। उनके पास कैंची हमेशा रहती थी सो उन्होंने आदत स्वभाव वश दूल्हा-दुल्हन के गठजोड़े के बंधन को कैंची से काट दिया। बाद में उनकी समझ में आया तो बहुत शर्मिंदा हुए। बगलें झांकने लगे। हमारी दिनचर्या आदतों से चलती है फिर स्वभाव बन जाती है। कभी-कभी हम वह काम यंत्रवत से करते हैं। जैसे हम कोई मशीन हों। तो आइए हम कुछ अच्छी आदतों के बारे में सोचें। जैसे बड़ों का सम्मान करना, व्यायाम, मधुरवाणी का प्रयोग, संतुलित भोजन, स्वच्छता, सत्य बोलना जब तक कि झूठ बोलना किसी के हित में या सार्वजनिक हित में न हो। ईमानदारी, जवाबदारी, सतर्कता, सेवा, परहित के काम आदि ऐसे काम हैं जिन्हें हम अपनी आदतों में शुमार कर लें तो स्वहित और परहित का काम होगा। थोड़ा सा सकारात्मक चिन्तन और उस पर चलने से सब हो जाता है। हम कुछ करते हैं अपनी इच्छा अनुसार या चाहते हैं कि ऐसा हो पर होता वही है जो मंजूरे खुदा होता है इसलिए कहा गया है कि इंसान चाहे तो क्या होता है, होता वही है जो मंजूरे खुदा होता है तो क्यों न अपनी इच्छाओं को ईश्वर पर छोड़ दें जो ठीक समझेंगे करेंगे और फिर हमें स्वीकार करना आना चाहिए। स्वीकार भाव से जीना इसे ही कहते हैं। हमारे चाहने और होने में हमेशा संघर्ष चलता है पर हम सिर्फ चाह सकते हैं फल भगवान के हाथ में है इसलिए कहा गया है इंसान को सिर्फ कर्म करना चाहिए वह भी सत्कर्म, फल भगवान के हाथ में छोड़ दो। वह देगा और जो देगा उचित ही देगा।
आज हमारे जीवन में इतनी विसंगतियां क्यों हैं? क्योंकि हम चाहते कुछ हैं बोलते कुछ हैं करते कुछ हैं कोई सामन्जस्य नहीं है तीनों में। यदि हम सही चाह रखें तो आगे सब ठीक होगा। पर हम अपनी इच्छाओं के घोड़ों को दौड़ाते रहते हैं बिना लक्ष्य के और जब वे पूरी नहीं होती तो निराश हो जाते हैं इसलिए मेरा सुझाव है कि सही सोच सही आदतें विकसित करें फिर यह हमारा स्वभाव हो जाएगा सही फल मिलेगा। यही मेरा संदेश है।
के.एल. बानी
वास्तुविद्

*अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है !*

शख्सियत अच्छी होगी !
तभी दुश्मन बनेगे ,
वरना बुरे की तरफ , देखता ही कौन हैं !!
पत्थर भी उसी पेड़ पर फेंके जाते हैं, जो फलों से लदा होता है ,
देखा है किसी को सूखे पेड पर पत्थर फेंकते हुए.

_______________________


*पहाड चढने वाला व्यक्ती झुककर चलता है और ऊतरने वाला कडक चलता है |*
*कोई अगर इंसान झुककर चल रहा है मतलब ऊँचाई पर जा रहा है इंसान अकड कर चल रहा है, मतलब नीचे जा रहा है 


_______________________



|रिश्ते और बर्फ के गोले 
एक समान ही होते हैं...
जिसे बनाना तो आसान होता है
लेकिन बनाए रखना
बहुत मुश्किल होता हैं
दोनो को बचाए रखने का
बस एक ही तरीका है...
...शीतलता बनाए रखिऐ.


_______________________

लोहा नरम होकर औजार बन जाता है,
सोना नरम होकर जेवर बन जाता है !
मिट्टी नरम होकर खेत बन जाती है, 
आटा नरम होता है तो रोटी बन जाती है !
ठीक इसी तरह अगर इंसान भी नरम हो जाये तो लोगो की दिलों मे अपनी जगह बना लेता है !
सदैव बेहतर की उम्मीद करे ! 



_______________________

किसी के सरल स्वभाव को  कमज़ोरी न समझो,
संसार में पानी से अधिक सरल कुछ भी नहीं,
मगर उसका तेज़ बहाव बड़ी से बड़ी चट्टान को चूर चूर कर डालता है।

_______________________

जहाँ तुम हो,
          वहाँ तुम्हें सब प्यार करें
जहाँ से तुम चले जाओ,
           वहाँ तुम्हें सब याद करें
जहाँ तुम पहुँचने वाले हो,
           वहाँ सब तुम्हारा इंतजार करे


_______________________

"भाग्य" के दरवाजे पर
सर पीटने से बेहतर है,
"कर्मो" का तूफ़ान पैदा करे
सारे दरवाजे खुल जायेंगे.!
परिस्थितिया जब विपरीत होती है,
तब "प्रभाव और पैसा" नहीं
"स्वभाव और सम्बंध" काम आते है ॥


_______________________

"स्वभाव" रखना है तो उस "दीपक" की तरह रखो. , जो "बादशाह" के महल में भी उतनी "रोशनी" देता है,
जितनी किसी "गरीब" की "झोपड़ी" में_।।

  
 _______________________


​​कोयल​ अपनी भाषा बोलती है,​
        ​इसलिये  ​आज़ाद​ रहती हैं.​
  ​किंतु  ​तोता​ दूसरे कि भाषा बोलता है,​
      ​इसलिए पिंजरे में जीवन भर​
                 ​​गुलाम​ रहता है.​
​अपनी ​भाषा,​​
        ​अपने ​विचार​ और​
               _​"अपने आप"​ पर विश्वास करें..!

*वह शब्द सही मायने मे परिवार है !!!*

जन्मदिन क्या है..??
.
.
ये सवाल BBC World के एक प्रोग्राम में विश्व के तमाम बड़े VVIP की उपस्थिति में पूछा गया था..
.
जिसका सबसे सुंदर जवाब डॉ अब्दुल कलाम जी ने दिया था.
.
उन्होंने कहा था कि...
*जन्म दिन आपकी जिंदगी का एक मात्र वो दिन होता है जिस दिन आपके रोने की आवाज पर आपकी मां मुस्कराई थी*
.
.
उसके बाद फिर ऐसा दिन कभी नहीं आता कि औलाद के रोने पर मां मुस्कराये.


_______________________

*एक रात मैं अपने कमरे में सो रहा था के अचानक मेरी आँख खुल गई ।सामने यमदूत को खड़ा देखा। मैंने पुछा यहाँ कैसे ?यमदूत ने कहा कि मैं तेरी माँ को लेने आया हुँ । मैं घबरा गया,दिल बैठ गया, आँखें नम हो गई । मैंने यमदूत से कहा, एक सौदा करते है, तुम माँ की जिदंगी बक्क्ष दो और मुझे ले चलो । यमदूत ने मुस्कुरा कर कहा मै लेने तो तुझे ही आया था पर तुझ से पहले ये सौदा तेरी माँ ने कर लिया*


_____________________________

धरती  पर  प्यार  से  तीन  शब्दों    की  रचना  हुयी  है .......
1.   Boyfriend
2.   Girlfriend
3.   Family
किन्तु  एक  बात  ध्यान  देने             वाली  है  कि .....
Boyfriend   और
Girlfriend    इन  दो  शब्दों   के   
                  अन्तिम  तीन  अक्षर     से  बनता  है  "end" 
इसलिये  ये  सम्बन्ध  एक  दिन  ख़त्म   हो   जाते   हैं  परन्तु .....
तीसरा  शब्द  है  :
FAMILY  =  FAM  +  ILY     
जिसके  पहले  तीन  अक्षर  से     बनता  है :
Fam = Father  And  Mother 
आैर  अन्तिम  तीन  अक्षर  से :
ily  =  I  Love  You
अत:  जिस  शब्द   का   आरम्भ पिता  एंव  माता  से  और  अन्त   प्यार  के  साथ  हो,  वह   शब्द    सही  मायने  मे  परिवार  है !!!

_________________________________

*परणित पुरुष ने वाँचवा अने वंचावालायक*

*किन किन रिश्तों में पुरुष का नाम पहले आता है*

किन किन रिश्तों में पुरुष का नाम पहले आता है
दादा.दादी
नाना.नानी
मामा.मामी
काका .काकी
भइया.भाभी
पती.पत्नी
लेकिन सिर्फ एक रिश्ता है ऐसा है
जिसमे पुरुष बाद में आता हैऔर वो है
माँ बाप का
माँ-बाप साक्षात भगवान का रूप होते है ,
क्योंकि भगवान के ही नामों मे
पहले स्त्री का नाम आता है ,
जैसे....
गौरी शंकर , लक्ष्मी नारायण ,सीता राम ,राधे कृष्ण...
अगर सन्देश अच्छा लगे तो अपने परिचितों के साथ भी शेयर करे

मा विशे सुवाक्यो.

*जिंदगी में आप बेफिक्र होकर क्यों नहीं रहते जबकि आप जानते हैं कि जिंदगी चलाने वाला भगवान*


आप हवाई जहाज में बेफिक्र होके बैठते हैं जबकि आप पायलट को जानते तक नहीं
 आप जहाज में बेफिक्र हो कर बैठते है जबकि आप केप्टन को जानते तक नहीँ

 आप बस में भी बेफिक्र होकर सवारी करते हैं जबकि बस ड्राइवर को आप पहचानते तक नहीं

ट्रेन में भी आप बेफिक्र होकर यात्रा करते हैं जबकि मोटरमैन को आप जानते तक नहीं

फिर जिंदगी में आप बेफिक्र होकर क्यों नहीं रहते जबकि आप जानते हैं कि जिंदगी  चलाने वाला भगवान हैं 



____________________________

आज मंदिर में बहुत भीड़ थी, एक  *विदेशी लड़की दर्शन* के लिए लगी लम्बी लाइन को अचरज से देख रही थी, *तभी एक पंडित जी आये और बोले :~* बहुत लम्बी कतार है, ऎसे दर्शन नही हो पाएंगे, *501* रू. मे *VIP* पास ले लो, जल्दी दर्शन करवा दूंगा !
*विदेशी *लड़की बोली :~* मै 5100 दूंगी, भगवान से कहो बाहर आकर मिल लें !
*पंडित जी बोले :~* मजाक करती हो, भगवान भी कभी मंदिर से बाहर आते हैं क्या ?
*विदेशी लड़की फिर बोली :~* मै 51000 दूंगी, उनसे कहो, मुझ से मेरे घर पर आकर मिल लें !
*पंडितजी:~* (गुस्से मे) : तुमने भगवान को समझ क्या रखा रखा है !

*विदेशी लड़की :~ वही तो मै भी पूछना चाहती हूं, आपने भगवान को समझ क्या रखा है ?*
वैज्ञानिक तर्क सफल जीवन का मूल आधार हैं
इसलिए बुद्ध कहते हैं -
जो तर्क नही करता वह धर्म में अँधा हैं , जो तर्क नही कर सकता वो मुर्ख हैं और जो तर्क-वितर्क करने का साहस ही नही कर सकता वो मानसिक ग़ुलाम हैं ।



____________________________
          सारा जहा उसी का है
             जो मुस्कुराना जानता है
         रोशनी भी उसी की है जो शमा
                 जलाना जानता है
      हर जगह मंदिर मस्जिद गुरूद्वारे है।
      लेकीन इश्वर तो उसीका है जो
            "सर" झुकाना जानता है!



____________________________

*पेड़ के नीचे रखी भगवान की टूटी मूर्ति को देख कर समझ आया,*
*कि..*
*परिस्थिति चाहे कैसी भी हो,*
*पर कभी ख़ुद को टूटने नही देना..*
*वर्ना ये दुनिया जब टूटने पर भगवान को घर से निकाल सकती है तो फिर हमारी तो औकात ही क्या है।*



____________________________

          *अच्छे लोगों की भगवान*
             *परीक्षा बहुत लेता है,*
          *परन्तु साथ नहीं छोडता,*
             
                      *और*
           *बुरे लोगों को भगवान*
              *बहुत कुछ देता है,*
           *परन्तु साथ नहीं देता|*


____________________________




" ईश्वर तो दिखाई भी
नहीं देते …
विश्वास कैसे करूँ ?"
सुदंर जवाब मिला …
"श्रद्धा वाई-फ़ाई
कि तरह होती है …
दिखती तो नहीं है …             
पर सही पासवर्ड डालो
तो कनेक्ट हो जाते हो "

                     
        



____________________________


         ; _*पावों में यदि जान हो*_
                     _*तो*_
        _*मंजिल तुमसे दूर नहीं।*_
        _*आँखों में यदि पहचान हो,*_
                     _*तो*_
          _*इंसान तुमसे दूर नहीं।*_
         _*दिल में यदि स्थान हो*_
                     _*तो*_
         _*अपने तुमसे दूर नहीं।*_
         _*भावना में यदि जान हो,*_
                    _*तो*_
         _*भगवान तुमसे दूर नहीं।*_
              

कीमती मोतियों की माला जितनी बार भी टूटे उसे पिरोना ही पड़ता है।। एक सच्चा दोस्त अगर सौ भी बार रूठे तो उसे मना लो।

एक  सच्चा  दोस्त 
अगर  सौ  भी बार  रूठे  तो
उसे  मना  लो
क्योंकि,,
.
.
.
.
कीमती  मोतियों  की  माला 
जितनी  बार  भी  टूटे
उसे  पिरोना  ही पड़ता  है।।

____________________________
*दोस्ती* शब्द का अर्थ
बड़ा ही मस्त होता है .., ( दो+हस्ती )
जब दो हस्ती मिलती हैं ..,
                  तब दोस्ती होती है ... ...
*समुंदर* _ _ ना हो तो _ _*कश्ती* _ _ किस काम कीं ..._                                       
*मजाक*_ _ना हो , तो _ _ *मस्ती* _ _ किस काम की ... _                            
*दोस्तों* _ _ के लिए तो कुर्बान है , ये _ _ *जिंदगी...* _                          
अगर _ _ *दोस्त* _ _ ही ना हो , तो फिर ये _ _ *जिंदगी* _ _ किस काम कीं ...
चंद लाइने दोस्तों के नाम :-*
"क्यूँ मुश्किलों में साथ देते हैं "दोस्त"
                     "क्यूँ गम को बाँट लेते हैं "दोस्त"
"न रिश्ता खून का न रिवाज से बंधा है !
       "फिर भी ज़िन्दगी भर साथ देते हैं "दोस्त "



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परिवार और दोस्त साथ है तो,
हर ऋतु "बसन्त"है,
ना हो तो "बस- अंत" है!!!

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*दीवो  माटीनो  छे*
                 *के*
    *सोनानो  ते  महत्वनुं  नथी*
                *परंतु* 
*ते अंधारामां प्रकाश केटलो आपे  छे*, 
            *ते  महत्वनुं  छे.*
             *तेवी  ज  रीते*
  *मित्र  गरीब  होय  के अमीर*
                  *ते*
            *महत्व नु नथी*
*दुःखमा केटलो  मददरुप  थाय  छे*
            *ते  महत्वनुं  छे*.

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जीवन मे ' दो ' तरह के दोस्त ज़रूर बनाना ..
.एक ' कृष्ण ' कि तरह, जो आपके लिए लड़ेगा नहीं, पर ये ' सुनिश्चित ' करेगा कि आप ही जीत जाए ..
और ..
दुसरा ' कर्ण ' कि तरह जो आप के लिए तब भी लड़ेगा , जब आपकी ' हार ' सामने दिख रही हो ..!!!


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मै यादों का किस्सा खोलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
मै गुजरे पल को सोचूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
अब जाने कौन सी नगरी में,
आबाद हैं जाकर मुद्दत से.
मै देर रात तक जागूँ तो ,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
कुछ बातें थीं फूलों जैसी,
कुछ लहजे खुशबू जैसे थे,
मै शहर-ए-चमन में टहलूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं.
वो पल भर की नाराजगियाँ,
और मान भी जाना पलभर में,
अब खुद से भी रूठूँ तो,
कुछ दोस्त बहुत याद आते हैं...!!



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मंजिल मिले ना मिले ये तो मुकदर की बात है! दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो.


मंजिल मिले ना मिले
ये तो मुकदर की बात है!
हम कोशिश भी ना करे
ये तो गलत बात है...
जिन्दगी जख्मो से भरी है,
वक्त को मरहम बनाना सीख लो,
हारना तो है एक दिन मौत से,
फिलहाल दोस्तों के साथ जिन्दगी जीना सीख लो.


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दोस्त शब्दका अर्थ बड़ा ही
मस्त होता है..!!
"दोष" का जो "अस्त" करदे
वही दोस्त होता है.!!
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मित्रता ऐटले शु ?
"इश्वर जेमने लोही ना संबंध थी जोडवानु भुली गया होय,
ऐवा वयक्ती ने इश्वर  मित्रो बनावी ने भूल सुधारी लेता होय छे।।"


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सारुं  गीत  होय  तो ,
5- मिनिट  आनंद  मां  जाय ,
      सारी  फिल्म  होय तो ,
3- कलाक  आनंद  मां  जाय ,
     सारी  कोलेज  होय  तो ,
3- वर्ष  आनंद  मां  जाय,
……………परंतू……………
     तमारा  जेवा  मित्रों  नों
संगाथ  होय  तो  आखी 
    ज़िंदगी  आनंद  मां जाय ""''''''!!!!!!!!


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जिंदगी का खूबसूरत लम्हा कौनसा होता है...?
जब आपका परिवार आपको दोस्त समझने लगे,
और आपके दोस्त आपको अपना परिवार....


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मित्र सुख मे हो तो
आमंत्रण के
सिवा जाना नही                
मित्र मुसीबत मे हो तो
आमंत्रण का
इंतजार करना नहीं !!        




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एक पेन गलती कर सकता है लेकिन एक पेन्सिल गल्ती नही कर सकती।
क्योंकि उसके साथ दोस्त है,"रबर", जब तक एक सच्चा दोस्त आपके साथ हैं, वह आपकी जिंदगी की गलतियां मिटाकर आपको सम्पूर्ण बना देगा.


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"पहली नमस्ते परमात्मा को,
         जिन्होंने हमें बनाया है".
     "दूसरी नमस्ते माता पिता को,
                जिन्होंने हमें
       अपनी गोद में खिलाया है".
       "तीसरी नमस्ते गुरुओं को,
               जिन्होंने हमको
       वेद और ज्ञान सिखाया है".
"चौथी और सबसे महत्वपूर्ण नमस्ते
                  "आप को",
         "जिन्होंने हमें अपने साथ
       जुड़े रहने का मौका दिया  है"
 
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"जिन्दगी" एक प्रोजेक्ट है
और
"रिश्ते" एक टारगेट,
"वाईफ" डेली रिपोर्टिंग है
और
"औलाद" इन्सेन्टिव,
"जवानी" एक कमिटमेंट है
और
"बुढ़ापा" एचीवमेंट,
लेकिन... ...........................
"मित्रता" सेलरी है
और
"सेलरी" को कोई कभी नहीं भूलता,
जो वक्त के साथ साथ बढ़ती जाती है,
और
"पुरानी मित्रता" पेंशन की तरह है जो
मरने के बाद भी चलती रह़ती है ।
सभी मित्रों को समर्पित !








रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!!

रोज़ याद न कर पाऊँ तो खुदग़रज़ ना समझ लेना दोस्तों
दरअसल छोटी सी इस उम्र मैं परेशानियां बहुत हैं..!!
मैं भूला नहीं हूँ किसी को...
मेरे बहुत अच्छे दोस्त है ज़माने में ..
बस थोड़ी जिंदगी उलझी पड़ी है....
अच्छा भविष्य बनाने में।. . .






जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित.


जो लड़किया कम कपड़े पहनती है, उनके लिये एक पिता की ओर से समर्पित :-
एक लड़की को उसके पिता ने iphone गिफ्ट किया..
दूसरे दिन पिता ने लड़की से पुछा, बेटी iphone मिलने के बाद सबसे पहले तुमने क्या किया?
लड़की :- मैंने स्क्रेच गार्ड और कवर का आर्डर दिया...
पिता :- तुम्हें ऐसा करने के लिये किसी ने बाध्य किया क्या?
लड़की :- नहीं किसी ने नहीं।
पिता :- तुम्हें ऐसा नही लगता कि तुमने iPhone निर्माता की बेइज्जती की हैं?
बेटी :- नहीं बल्कि निर्माता ने स्वयं कवर व स्क्रेच गार्ड लगाने के लिये सलाह दी है...
पिता :- अच्छा तब तो iphone खुद ही दिखने मे खराब दिखता होगा, तभी तुमने उसके लिये कवर मंगवाया है?
लड़की :- नहीं, बल्कि वो खराब ना हो इसीलिये कवर मंगवाया है..
पिता :- कवर लगाने से उसकी सुन्दरता में कमी आई क्या?
लड़की :- नहीं, इसके विपरीत कवर लगाने के बाद iPhone ज्यादा सुन्दर दिखता है..
पिता ने बेटी की ओर स्नेह से देखते कहा....
बेटी iPhone से भी ज्यादा कीमती और सुन्दर तुम्हारा शरीर है और इस घर की और हमारी इज्जत हो तुम,
उसके अंगों को कपड़ों से कवर करने पर उसकी सुन्दरता और निखरेगी...
बेटी के पास पिता की इस बात का कोई जवाब नहीं था, सिर्फ आँखों में आँशुओं के अलावा ।

भारतीय संस्कृति, संस्कार ओर अस्मिता को बनाए रखे।। 

कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!

मेरी बाकी उंगलियां
उस उंगली से जलती है,
जिस उंगली को पकड़कर,
मेरी बेटी चलती है...!!!



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"कल जो वो नासमज बहेन की पढाई के खिलाफ था, आज बीवी के इलाज के लिए लेडी डोक्टर ढूढता है..!  
                                        
"'बेटी बचाओ, बेटी पढाओ..!'

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बेहतरीन शब्द.....

"जब मैंने जन्म लिया,वहां "एक नारी" थी जिसने मुझे थाम लिया......
     
                        || मेरी माँ ||

बचपन में जैसे जैसे मैं बड़ा होता गया "एक नारी" वहां मेरा ध्यान रखने और मेरे साथ खेलने के लिए मौजूद थी.....
                  || मेरी बहन ||

जब मैं स्कूल गया "एक नारी" ने मुझे पढ़ने और सिखने में मदद की......
                || मेरी शिक्षिका ||
जब भी मै जीवन से निराश और हताश हुआ और जब भी हारा तब "एक नारी" ने मुझे संभाला ...
              || मेरी महिला मित्र ||
जब मुझे सहयोग,साथी और प्रेम की आवश्यकता हुई तब "एक नारी" हमेशा मेरे साथ थी.....
              || मेरी पत्नी ||

जब भी मैं जीवन में कठोर हुआ तब "एक नारी" ने मेरे व्यवहार को नरम कर दिया.....
              ||मेरी बेटी||

जब मैं मरूँगा तब भी "एक नारी" मुझे अपने गोद में समा लेगी.......
              || धरती माँ ||
यदि आप पुरुष हैं तो हर नारी का सम्मान करें.....और यदि आप महिला हैं, उन में से एक होने पर गर्व  करे...

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क्या खूब लिखा है एक पिता ने…
हमें तो सुख मे साथी चाहिये
दुख मे तो…
हमारी "बेटी" अकेली ही काफी है…

शौचालयों स्वच्छता के नारे - ये शौचालयों के नारें है जो बिलकुल नये है- सभी को एकबार जरुर सुनाओ ।।

शौचालयों स्वच्छता के नारे -

ये शौचालयों के नारें  है जो बिलकुल नये
है- सभी को एकबार जरुर सुनाओ ।।

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घर मै फ्रिज है घर मै टी बी
  शौच को बाहर जाती बीबी
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सौ बीघा है घर मै खेती
बाहर शौच को जाती बेटी
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घर बनवाया कितना सुंदर
शौचालय ना घर के अंदर
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लाखों के पहनें है गहने
बाहर शौच को जाती बहने
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घर मै बहू करे मर्यादा
बाहर बदन दिखाये आधा
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शौचालय है शान हमारी
छू मंतर होती बीमारी
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गांव गांव की हालत ऐसी
बीच सडक पर बेटी बैठी
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गाॅव मै जब होता अँधियारा
महिला देखे सडक किनारा
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शौचालय बन वालो भईया
शासन दे रही खूब रुपैया
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बाहर नही शौच को जाना
शौचालय अपना बनवाना
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बाहर शौच काम है गंदा
बंद करो ये मिलकर धंदा
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करते काम सभी ये खोटा
जाव ना बाहर लेकर लोटा
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अपनी इज्जत आप बचाओ
नही शौच को बाहर जाओ
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बाहर शौच है सोच पुरानी
बदल के लिखे दो नई कहानी
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रहन सहन घर का सब बदला
बाहर शौच ना जाना बदला
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नई रजाई नया है गद्दा
बदला नही शौच का अडडा
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बहू ब्याह कर घर मै लाये
पर शौचालय नही बनाये
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सोच अभी है बही पुरानी
बाहर शौच जाये बहू रानी
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बैठी बीच सडक पर चाची
आया कोई उठी हगासी
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घर मै आई नई फटफटिया
शौच कोई जाती बाहर बिटिया
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शौचालय है बहुत जरूरी
पंचायत देती मंजूरी
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शौचालय तुम खुद बनवाओ
बाहर हजार रूपया पाओ
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बारह हजार की मिलती राशि
फौरन खाते मै आ जाती
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पंचायत को देना खाता
आपका रूपया बैंक मै आता
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नही बीच मै कोई दलाल
छीन ना पाये कोई माल
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जिसके घर मै बनी ना टट्टी
उससे सब कोई करना कट्टी
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सबको शौक पडी गहनों की
बाहर इज्जत जाये बहनों की
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