सुबह की नींद इंसान के इरादों को कमज़ोर करती है


सुबह की नींद इंसान के इरादों
को कमज़ोर करती है |
मंज़िलों को हाँसिल करने वाले कभी देर तक सोया नहीं करते ।
वो आगे बढ़ते है जो सूरज को जगाते है,
वो पीछे रह जाते हैं जिनको सूरज जगाता है!



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हार  से इंसान  खत्म  नही  होता  है,
सही  मायने  में  इंसान  खत्म
तब  होता  है,
जब  कोशिश  करना  छोड़  दे...
.
मुश्किल  समय  में
हमेशा  खुद  से  कहते  रहो  कि
"दौड़  अभी  खत्म  नही  हुई  है 
क्योंकि
मैं  अब  तक जीता  नही  हूँ।"



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*मेरे गुरु कहते है* …
      *मत सोच की तेरा*
        *सपना क्यों पूरा नहीं होता*
*हिम्मत वालो का इरादा*
         *कभी अधुरा नहीं होता*
*जिस इंसान के कर्म*
                 *अच्छे होते है*
*उस के जीवन में कभी*
             *अँधेरा नहीं होता* ..





*वृक्ष के नीचे पानी डालने से सबसे ऊंचे पत्ते पर भी पानी पहुँच जाता है ,* *उसी प्रकार प्रेम पूर्वक किये गए कर्म परमात्मा तक पहुंच जाते हैं*।

_*धर्म ग्रंथ में साफ़ शब्दो मे लिखा है..*_
_*निराश मत होना..*_
_*कमजोर तेरा वक्त है..*_
_*तू नही........*_
_*ये संसार "जरूरत" के नियम पर चलता है....*_
_*सर्दियो में जिस "सूरज"*_
_*का इंतजार होता है,*_
_*उसी "सूरज" का गर्मियों में*_
_*तिरस्कार भी होता है.....*_
_*आप की कीमत तब तक होगी जब तक आपकी जरुरत है...!*_
*"तालाब एक ही है..,*
*उसी तालाब मे हंस मोती चुनता है और बगुला मछली...!*
*सोच सोच का फर्क होता है...!*
*आपकी सोच ही आपको बड़ा बनाती है...!!*
*यदि हम गुलाब की तरह खिलना*
*चाहते हो तो  काँटों के साथ*
*तालमेल की कला सीखनी होगी*...
          
   
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जो सफर की शुरुआत करते हैं,
        वे मंजिल भी पा लेते हैं.
                   बस,
         एक बार चलने का
         हौसला रखना जरुरी है.
                 क्योंकि,
         अच्छे इंसानों का तो
      रास्ते भी इन्तजार करते हैं...!
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*कर्म करो तो फल मिलता है,*
       आज नहीं तो कल मिलता है।
*जितना गहरा अधिक हो कुँआ,*
        उतना मीठा जल मिलता है ।
*जीवन के हर कठिन प्रश्न का,*
        जीवन से ही हल मिलता है।
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*जितना  बडा  सपना  होगा*
  *उतनी  बडी तकलीफें  होगी*
     *और  जितनी  बडी*
   *तकलीफें  होगी  उतनी* *बडी*      
*कामयाबी होगी*

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नाराज़ ना होना कभी यह सोचकर क़ि....
काम मेरा और नाम किसी और का हो रहा है ।
यहाँ सदियों से जलते तो "घी" और "बाती" हैं...
पर लोग कहते हैं कि 'दीपक' जल रहा है.....

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सफलता जिस ताले में बंद रहती है
वह दो चाबियों से खुलता है
        एक कठिन परिश्रम
                 और
          दूसरा दृढ़ संकल्प।


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      धनवान बनने के लिए
         एक-एक कण का
       संग्रह करना पडता है,
                  औऱ
       गुणवान बनने के लिए
         एक-एक क्षण का
     सदुपयोग करना पडता है..!
         इस जीवन का पैसा
अगले जन्म में काम नहीं आता
     मगर इस जीवन के सही कर्म
आपको जन्मो जन्म तक जीवित रखेंगे.


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*मेरे गुरु कहते है* …
      *मत सोच की तेरा*
        *सपना क्यों पूरा नहीं होता*
*हिम्मत वालो का इरादा*
         *कभी अधुरा नहीं होता*
*जिस इंसान के कर्म*
                 *अच्छे होते है*
*उस के जीवन में कभी*
             *अँधेरा नहीं होता* ..
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*" गीता " मे स्पष्ठ  शब्दो मे लिखा है* ,
*निराश मत होना* ,
*कमजोर तेरा वक्त है* ,
" *तु* " *नहि* ।
 *'ज़िन्दगी*' *में कभी किसी* *'बुरे दिन*' *से सामना हो जाये तो* . . .
*इतना* *'हौसला*' *जरूर रखना* -
*'दिन*' *बुरा था*. . . *'ज़िन्दगी*' *नहीं*.....

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*वृक्ष के नीचे पानी डालने से सबसे ऊंचे पत्ते पर भी पानी पहुँच जाता है ,*
*उसी प्रकार प्रेम पूर्वक किये गए कर्म परमात्मा तक पहुंच जाते हैं*।
*सेवा सभी की करिये मगर,आशा किसी से भी ना रखिये*
*क्योंकि सेवा का सही मूल्य भगवान् ही दे सकते हैं इंसान नहीl*.”॥*
                     

सब कुछ कॉपी हो सकता है चरित्र और व्यवहार नहीं...

           अपमान करना किसी के
            स्वभाव में हो सकता है...
                पर सम्मान करना
        हमारे संस्कार में होना चाहिए…
          सब कुछ कॉपी हो सकता है
           चरित्र और व्यवहार नहीं...

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‘ खाई ’ में गिरा इंसान ऊपर आ
   सकता है, पर ‘चरित्र’ में गिरा
        इंसान कभी ऊपर नहीं
               आ सकता।
                                - अज्ञात

            
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चरित्र ; किसी व्यक्ति के विश्वास , मूल्य , सोच-विचार और व्यक्तित्व का मेल होता है , इसका पता हमारे कार्य और व्यवहार से चलता है ।
चरित्र की रक्षा किसी अन्य धन की रक्षा से ज्यादा महत्वपूर्ण है । 
जीवन में सच्ची सफलता पाने के लिए व्यक्ति का चरित्रवान होना जरूरी है , सच्ची सफलता से आशय एक ऐसे उद्देश्य की प्राप्ति से है , जो हमारे साथ-साथ समाज के लिए भी कल्याणकारी हो , जो शाश्वत हो और जिसकी  प्राप्ति हमें हर प्रकार से संतुष्टि दे सके और जिसे पाने के बाद किसी अन्य चीज को पाने की ईच्छा न रहे , ऐसे लक्ष्य की प्राप्ति ही सच्ची सफलता कहलाती है ।
चूँकि सफलता पाने का मार्ग पड़ाव-दर-पड़ाव पार किया जाता है , जिसमें कई छोटे-बड़े लक्ष्य सम्मिलित होते हैं । 
फिर भी सफलता और सुख इन दोनों की परिभाषा प्रत्येक इंसान के लिए अलग-अलग होती है । कोई बहुत सारे पैसे कमाने को सफलता मानता है तो कोई किसी विशेष पद पर पहुँचने और प्रसिद्धि पाने को सफलता समझता है , अतः संक्षेप में कह सकते हैं किकिसी निर्धारित लक्ष्य की प्राप्ति करना ही सफलता कहलाती है ।

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दोस्तों ! चरित्र के बिना व्यक्ति का जीवन वैसा ही है जैसे बिना रीढ़ की हड्डी के शरीर होता है किन्तु आज के समय में तो लोग चरित्र से ज्यादा महत्व धन-दौलत को देते हैं , जिसके पास खूब पैसा,नाम व बड़ा घर-व्यापार है वह सामाजिक जीवन में सफल माना जाता है भले ही उसका चरित्र कैसा भी हो । 
फिर भी , किसी भी समय में चरित्र की महत्ता  कम नहीं आँकी जा सकती क्योंकि चरित्रवान व्यक्ति की प्रशंसा हर कोई करता है ।
 चरित्र , निर्मित कैसे होता है 
चरित्र अथवा स्वभाव , अच्छा और बुरा दोनो प्रकार का होता है । सामान्य तौर पर , हम चरित्र या स्वभाव से आशय सद्चरित्र या अच्छे स्वभाव का लेते हैं तथा अच्छे चरित्र कई में कई सदगुण विद्यमान होते है जैसे - धैर्य , साहस , ईमानदारी , सत्य , क्षमा , दया और सहानभूति आदि । 
वास्तव में , हम चरित्र-निर्माण से अधिक ध्यान अपने भविष्य-निर्माण पर देते है क्योंकि माता-पिता भी अपने बच्चों को यही समझाते हैं कि भविष्य बनाना , बहुत ज्ञान का अर्जन करना तथा धनवान बनना है लेकिन सद्चरित्र के अभाव में भौतिक धन होकर भी व्यक्ति निर्धन है तथा उसका ज्ञान भी अनुपयोगी है ।
इसीलिए , हमें चरित्र-निर्माण पर ध्यान देना होगा , बजाय भविष्य निर्माण के ।यदि बच्चे चरित्रवान हों तो उनका भविष्य स्वयमेव सुनहला हो जाएगा ।
माता-पिता को चाहिए कि वे बच्चों को सदैव सही मार्ग पर प्रशस्त करें , वे न सिर्फ अच्छे संस्कार और सद्चरित्र के लिए मार्गदर्शन दें बल्कि अपने कर्मों में भी यह भावना दिखाएँ ।
प्रारंभिक तौर पर , मनुष्य अपनी चारित्रिक विशेषताएँ माता-पिता और घर-परिवार के माहौल से ही सीखता है , बचपन में यदि कोई विशेष घटना हुई हो तो उसका प्रभाव भी चरित्र के निर्माण पर पड़ता है । कभी-कभी माता-पिता और बच्चों के कई गुण समान भी सकते हैं लेकिन कभी-कभार इसके उलट भी ।
            फिर भी , हर व्यक्ति अपने आप में बिल्कुल अलग है , सभी का स्वभाव अलग-अलग होता है क्योंकि चरित्र बनता है - विचारों से और प्रत्येक व्यक्ति के विचार अलग-अलग होते हैं ।
विचार ही चरित्र का निर्माण करते हैं इसलिए चरित्र को बदलने के लिए विचारों को बदलना जरूरी है । अच्छे चरित्र के लिए हमें उत्तम विचारों की जरूरत होती है ।

कीसी ने फूल से पूछा की जब तुम्हें तोड़ा गया तो तुम्हें दर्द नहीं हुआ " "फूल ने जवाब दीया तोड़ने वाला इतना खुश था की मैं अपना दर्द भी भूल गया।


"..  कीसी ने फूल से पूछा की जब
         तुम्हें तोड़ा गया तो तुम्हें
                दर्द नहीं हुआ "
"फूल ने जवाब दीया तोड़ने वाला
         इतना खुश था की मैं
                अपना दर्द भी भूल गया।



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दिल की बात,
साफ़ साफ़ कह देनी चाहिए,
क्योंकि,
बता देने से 'फैसले' होते हैं,
ना बताने से 'फ़ासले'..


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दो पल की जिन्दगी के दो असूल
 
निखरो तो फूलों की तरह
और बिखरो तो खुशबू की तरह
किसी को प्रेम देना
सबसे बड़ा उपहार है और
किसी का प्रेम पाना सबसे बड़ा सम्मान है



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एक मित्र ने पूछा मुझे :
रोज सुबह एक विचार बांटते हो ,
क्या मिलता है आपको ??
हमने हँस कर कह  दिया :
लेना देना तो व्यापार है ,
बिन अपेक्षा दे वहीँ तो प्यार है..!!!

     



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आसु सुकाया पछी जे मलवा आवे ऐ संबंध....
ने...
आसु पहेला मलवा आवे ऐ प्रेम....


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       *एक प्यार भरा सँदेश* 
"विश्वास किसी पर इतना करो कि
वो तुम्हे छलते समय खुद को दोषी समझे
                  और
प्रेम किसी से इतना करो कि
उसके मन में सदैव तुम्हें खोने का डर बना रहे...!!!.